Hindi Diwas 2023: हर साल इस मकसद से मनाया जाता है हिंदी दिवस, जानें क्या है इसका इतिहास और महत्व
हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। हिंदी कई लोगों की मातृ भाषा है। हिंदी दिवस को बच्चों के स्कूलों में भी खूब धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन क्या आप इसके इतिहास के बारे में जानते हैं? अगर नहीं तो आइए जानते हैं क्या है हिंदी दिवस का इतिहास और क्यों है यह दिन इतना महत्वपूर्ण।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Hindi Diwas 2023: हिंदी मात्र एक भाषा नहीं है, यह भारत के 52.8 करोड़ लोगों को आपस में जोड़ने की मजबूत कड़ी है। हिंदी की जड़े जितनी गहरी हैं, उतना ही समृद्ध इसका इतिहास भी है। हिंदी की महत्ता को मनाने के लिए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिन पूरे भारत में हिंदी से जुड़े साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्कूलों में अलग-अलग तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं। कई स्कूलों और कॉलेजों में हिंदी पखवाड़ा भी मनाया जाता है, जिसमें पंद्रह दिनों तक हिंदी से जुड़े अलग-अलग कार्यक्रम किए जाते हैं। लेकिन हिंदी दिवस मनाया क्यों जाता है, क्या है इसका महत्व, इस बारे में जानना बहुत महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं हिंदी दिवस का इतिहास और महत्व।
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क्या है हिंदी दिवस का इतिहास
हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन 1949 में भारत की संविधान सभा ने हिंदी को औपचारिक भाषा का दर्जा दिया था और इसी दिन हमारे पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस दिन को हिंदी दिवस के नाम से मनाने का एलान किया था।
क्या है इसका महत्व
हिंदी दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रयोग को प्रोत्साहन देना है। हिंदी, भाषा के रूप में कितनी समृद्ध है लोगों में इस बात की जागरूकता फैलाना भी इसका उद्देश्य है।
युवाओं में हिंदी के प्रभाव को कम होता देख हिंदी के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए हिंदी दिवस मनाया जाता है। बच्चों में हिंदी को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं। पोस्टर बनाना, काव्य लेखन, निबंध लेखन, नुक्कड़ नाटक आदि। इन कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों में हिंदी के साहित्य के बारे में भी जागरूकता बढ़ती है।
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हिंदी का जन्म संस्कृत से हुआ है और इसकी लिपी देवनागरी है। हिंदी भारत के कई राज्यों में बोली जाती है। जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, झारखंड, दिल्ली, छत्तीसगढ़, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है। हिंदी का साहित्यिक इतिहास भी बहुत पुराना है और यह विश्व भर में विख्यात भी है। मुंशी प्रेमचंद, रबिन्द्रनाथ टैगोर,शरतचंद, महादेवी वर्मा, दिनकर, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला हिंदी साहित्य के कुछ सुविख्यात नाम हैं जिन्होंने हिंदी का परचम विश्व पटल पर लहराया है।
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