Makar Sankranti 2024: पोंगल, बिहू तो कहीं खिचड़ी...भारत में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है संक्रांति का पर्व
Makar Sankranti 2024 भारत में आज यानी 15 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है जिससे मौसम में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। भारत के ज्यादातर राज्यों में अलग-अलग नामों से इस पर्व को सेलिब्रेट किया जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Makar Sankranti 2024: सूर्य के प्रकाश और ऊर्जा के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसलिए तो हर एक धर्म में इसे पूजा जाता है। सूर्य का एक राशि से दूसरे राशि में पहुंचना संक्रांति कहलाता है और जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तो इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। बाद से दिन थोड़े बड़े होने लगते हैं। मकर संक्रांति का पर्व भारत के लगभग हर राज्य में सेलिब्रेट किया जाता है। उत्तर भारत और बिहार में खिचड़ी, गुजरात में उत्तरायण, पंजाब-हरियाणा में माघी-लोहड़ी, केरल में विलक्कू, कर्नाटक में एलु-बिरोधु और तमिलनाडु में पोंगल की धूम देखने को मिलती है। आज से दिन बड़े होने लगते हैं।
यूपी, बिहार में मकर संक्रांति और खिचड़ी
उत्तर प्रदेश, बिहार में इस पर्व को मकर संक्रांति और खिचड़ी के नाम से जाना जाता है। इस दिन काली उड़द दाल और चावल से बनी खिचड़ी खाने की खास परंपरा है। साथ ही तिल और गुड़ से बनी चीज़ों भी खाई जाती हैं और उनका दान किया जाता है। बिहार में इस दिन खासतौर से दही-चिवड़ा भी खाया जाता है।
गुजरात में उत्तरायण
गुजरात में मकर संक्रांति को उत्तरायण के नाम से जाना जाता है। जब यहां काइट फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है, जो पूरे 2 दिनों तक चलता है। इस दिन यहां उंधियू और गुड़-मूंगफली से बनी चिक्की खाने का खास महत्व होता है।पंजाब-हरियाणा में माघी और लोहड़ी
पंजाब और हरियाणा में मकर संक्रांति फेस्टिवल को माघी और लोहड़ी के नाम सेलिब्रेट किया जाता है। वैसे लोहड़ी, मकर संक्रांति के ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है। जिसमें आग जलाकर उसकी परिक्रमा करते हुए पूजा की जाती है। साथ ही रेवड़ी, मूंगफली और पॉपकॉर्न बांटे जाते हैं।
केरल में विलक्कू
केरल में इस दिन को मकर विलक्कू के नाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग सबरीमाला मंदिर जाकर मकर ज्योति के दर्शन करते हैं।कर्नाटक में एलु बिरोधु
मकर संक्रांति फेस्टिवल को कर्नाटक में ‘एलु बिरोधु’ नाम से मनाया जाता है। इस मौके पर महिलाएं आसपास के परिवारों में एलु बेला यानी ताजे फल, गन्ने, तिल, गुड़ और नारियल बांटती हैं।