Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

International Girl Child Day: हर साल क्यों मनाया जाता है इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे, जानें इस दिन का महत्व

हर साल 11 अक्टूबर को इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे मनाया जाता है। इस दिन उनके अधिकारों सशक्तिकरण और उनकी चुनौतियों के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है। इस इंटरनेशनल गर्ल्स चाइल्ड डे पर अपनी बेटी की दोस्त बन आप भी उन्हें आगे बढ़ने और सशक्त होने के लिए मोटिवेट करें। जानें कैसे बन सकती हैं आप अपनी टीनएज बेटी की दोस्त।

By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Wed, 11 Oct 2023 04:53 PM (IST)
Hero Image
क्या है इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे का महत्व

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। International Girl Child Day: हर साल 11 अक्टूबर को इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे मनाया जाता है। इसे मनाने का मकसद लड़कियों के अधिकार,सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और लिंगभेद को खत्म करना है। इसके जरिए लड़कियां जिन चुनौतियों का सामना करती हैं उस बारे में जागरूकता फैलाना की कोशिश की जाती है। इसके साथ ही ग्लोबल लेवल पर लड़कियों के सशक्तिकरण और अधिकारों के लिए काम हो सके इस पर भी जोर दिया जाता है। इस साल की थीम “इंवेस्ट इन गर्ल्स राइट्स: आवर लीडरशिप, आवर वेल बींग” है।

यह भी पढ़ें: आपकी बेटी के लिए मुश्किल हो सकता है टीनएज, मां नहीं सहेली बन करें उनकी मदद

यह पहली बार 2012 में मनाया गया था और तब से हर साल 11 अक्टूबर को मनाया जाने लगा। इसके जरिए लड़कियों को बेहतर शिक्षा, सुरक्षा और स्वस्थ जीवन का अधिकार देने की कोशिश की जाती है। आइए इस इंटरनेशनल गर्ल्स चाइल्ड डे पर जानते हैं कि कैसे आप अपनी प्यारी टिनेजर बेटी की दोस्त बन सकते हैं।

उनके साथ वक्त बिताएं

टीनएज में अक्सर ऐसा होने लगता है कि आपकी बेटी और आप साथ वक्त नहीं बिताते, जिसके कारण आपके बीच दूरियां आने लगती है। इसलिए कोशिश करें कि आप अपनी बेटी के साथ रोज कुछ समय बिताएं। आप उनके साथ मूवी देखने, पिक्निक,पार्क, शॉपिंग कहीं भी जा सकते हैं। इसके अलावा आप घर पर भी कुकिंग, गार्डिनिंग आदि उनके साथ मिलकर सकती हैं।

उनकी बात सुनें

आपकी बेटी टीनएज में कई चुनौतियों का सामना करती है। जिसके कारण उन्हें अक्सर लगता है कि वे अकेली हैं, ये सभी परेशानियां सिर्फ उनके साथ हो रही हैं। ऐसे में आप उन्हें सलाह देने के बदले उनकी बात सुनें ताकि उन्हें यह महसूस हो कि आप उनके साथ हैं। आप उनके साथ अपने बचपन की कहानियां बता सकते हैं ताकि वे समझ सकें कि आप उनकी बात को समझ रहे हैं और वे आप से सलाह ले सकते हैं।

अपनी बात उन पर फोर्स न करें

आपकी बेटी आपके लिए हमेशा छोटी रहेगी लेकिन इस बात को समझें कि अब आपकी बेटी बच्ची नहीं है। उनकी अपनी पसंद और इच्छाएं हैं, जो आपकी पसंद से अलग हो सकती हैं। उनका काम करने का तरीका भी आप से अलग हो सकता है। इसलिए अपनी बात को उन पर फोर्स न करें। उन्हें अपनी पसंद के काम करने दें और आप भी उनकी पसंद में रूचि लेने की कोशिश करें।

यह भी पढ़ें: अपनी टीनएजर बेटी से जरूर डिस्कस करनी चाहिए हर मां को ये सारी बातें

उनके रोल मॉडल बनें

अपनी बेटी की सच्ची दोस्त आप तब बनेंगी, जब आप उन्हें सशक्तिकरण और उनके अधिकारों के बारे में बताएंगी। इसके लिए आप उन्हें केवल लेक्चर न दें बल्कि उनके सामने इसका उदाहरण बनें। क्योंकि जाने-अनजाने में आपकी बेटी आपकी कई आदतों को अपना रही होती है। इसलिए कोशिश करें कि जो आप उसे सिखा रही हैं, वहीं आप उसे अपने व्यवहार के जरिए दिखा भी रही हैं।