क्यों हर साल 30 सितंबर को मनाया जाता है International Translation Day, दिलचस्प है इसके पीछे की कहानी
अनुवाद के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के योगदान को मान्यता देने और इसके महत्व को उजागर करने के मकसद से हर साल 30 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस (International Translation Day 2024) मनाया जाता है। अनुवाद के माध्यम से विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं के बीच एक पुल बनाना आसान हो जाता है जो कि किसी भी समाज के लिए बेहद जरूरी है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। International Translation Day 2024: आज हम जिस तरह दुनिया को देखते हैं, उसमें अनुवाद की अहम भूमिका है। चाहे वो कोई किताब हो, फिल्म हो या फिर कोई विदेशी भाषा में लिखा लेख, अनुवाद की वजह से आज हमारी पहुंच काफी व्यापक हो चुकी है। जरा सोचिए, अगर अनुवाद नहीं होता, तो हम कैसे अलग-अलग देशों के लोगों के विचारों और संस्कृतियों को समझ पाते? आज हम Google Translate जैसे टूल की मदद से किसी भी भाषा में लिखे शब्दों का मतलब आसानी से जान सकते हैं।
आप सोच रहे होंगे कि हम आपको अनुवाद के बारे में इतना क्यों बता रहे हैं? दरअसल, हर साल 30 सितंबर को पूरी दुनिया में 'अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस' मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद अनुवाद के महत्व को समझाना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि अनुवाद कैसे हमारी दुनिया को जोड़ता है और अलग-अलग संस्कृतियों के बीच एक पुल का काम करता है।
क्यों मनाते हैं अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस?
अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस को मनाने के पीछे एक खास कारण है। यह दिन सेंट जेरोम की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है। सेंट जेरोम को अनुवादकों का संरक्षक संत माना जाता है। वे एक रोमन पुजारी थे, जो उत्तर-पूर्वी इटली के रहने वाले थे। सेंट जेरोम मुख्य रूप से बाइबिल के नए नियम की ग्रीक पांडुलिपियों का लैटिन में अनुवाद करने के लिए जाने जाते हैं। उनके इस अनुवाद को 'वल्गेट' कहा जाता है। यह अनुवाद पश्चिमी चर्च के लिए कई सदियों तक एक मानक पाठ रहा। इसके अलावा, उन्होंने हिब्रू गॉस्पेल के कुछ हिस्सों का ग्रीक में अनुवाद भी किया था।यह भी पढ़ें- हर साल क्यों और कब मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवसउन्होंने न केवल बाइबिल का अनुवाद किया, बल्कि उन्होंने अनुवाद के सिद्धांतों और तकनीकों को भी विकसित किया। उनके काम ने भविष्य के अनुवादकों को प्रेरित किया और अनुवाद को एक सम्मानित पेशा बनाया। आज के समय में जब दुनिया तेजी से एक वैश्विक गांव बन रही है, अनुवाद का महत्व और बढ़ गया है। अनुवाद के माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों, विचारों और ज्ञान को एक-दूसरे के साथ साझा कर सकते हैं। अनुवाद के बिना, हमारी दुनिया इतनी जुड़ी हुई नहीं होती।
कब हुई अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस मनाने की शुरुआत?
इस दिन को मनाने का विचार सबसे पहले इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ ट्रांसलेटर्स (एफआईटी) ने दिया था। एफआईटी एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसका गठन साल 1953 में हुआ था। इसका उद्देश्य दुनिया भर के अनुवादकों को एक साथ लाना और अनुवाद पेशे को बढ़ावा देना है। साल 1991 में, एफआईटी ने 30 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस अनुवादकों के लिए एक गौरव का दिन है। यह दिन हमें अनुवाद के महत्व को समझने और अनुवादकों के योगदान को मान्यता देने का मौका देता है।
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