National Girl Child Day 2024: राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने के लिए क्यों चुना गया 24 जनवरी का दिन? जानें इतिहास
National Girl Child Day 2024 जनवरी की 24 तारीख का दिन भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद लड़कियों के अधिकारों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना उनके प्रति सकारात्मक नजरिया अपनाने पर फोकस करना है। आइए जानते हैं कब और किसने की भी इस दिवस को मनाने की पहल।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। National Girl Child Day 2024: हर साल 24 जनवरी का दिन भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) के रूप में मनाया जाता है। बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करके समाज में उन्हें विकास के लिए समान अवसर के साथ सम्मान दिलाने के मकसद से यह दिन मनाया जाता है। भारत में जैंडर को लेकर भेदभाव नई बात नहीं है, बल्कि सदियों से चली आ रही है। आइए जानते हैं कि कब और क्यों हुई थी राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत। साथ ही इस साल बालिका दिवस किस थीम के साथ मनाया जा रहा है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) का इतिहास
24 जनवरी 1966 को इंदिरा गांधी ने महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी इसलिए 24 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत साल 2008 में महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से की गई थी क्योंकि भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा था कि एक महिला देश की प्रधानमंत्री बन गई थी, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव था।
24 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं बालिका दिवस?
बालिका दिवस को 24 जनवरी के ही दिन क्यों मनाते हैं इसकी एक खास वजह ये है कि साल 1966 में आज यानी 24 जनवरी के ही दिन इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। वो देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी। देश की बेटी के इस पद तक पहुंचने को उपलब्धि को हर साल याद करने के लिए ये दिन चुना गया था।बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य
राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य देश की बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। इसके अलावा समाज में उनके विकास के लिए समान अवसर और सम्मान दिलाने की ओर भी लोगों का ध्यान आकर्षित करना है और सबसे जरूरी बालिकाओं के साथ होने वाले भेदभाव पर बात करना है। ये भी पढ़ेंः- भारत में छात्राओं के एजुकेशन की स्थिति
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