आज मनाया जा रहा National Sports Day 2024, आखिर क्यों खास है 29 अगस्त का दिन?
आज 29 अगस्त के दिन देशभर में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जा रहा है। खेल न सिर्फ हमारी फिटनेस के लिए जरूरी है बल्कि यह मेंटल हेल्थ को भी दुरुस्त करता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि National Sports Day सेलिब्रेट करने के लिए 29 अगस्त की तारीख ही क्यों चुनी गई थी? चलिए आपको इस खास दिन से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। National Sports Day 2024: साल 2012 से हर साल 29 अगस्त का दिन राष्ट्रीय खेल दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है। दरअसल, इसी दिन दिग्गज खिलाड़ी ध्यानचंद (Major Dhyan Chand) का जन्म हुआ था। मेजर ध्यानचंद को 'हॉकी का जादूगर' कहा जाता है। अपने 22 साल के करियर में 400 से ज्यादा गोल करने वाले महान खिलाड़ी को याद करने के मकसद से भारत सरकार ने 2012 से इनकी जन्मतिथि पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने की घोषणा की थी। बता दें, 1956 में इन्हें देश के तीसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। आइए इस खास मौके पर जानते हैं इस दिन से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
दिलचस्प है इस दिन का इतिहास
इस दिन हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यान चंद की जयंती होती है, उनका जन्म 1905 में इलाहाबाद के एक राजपूत परिवार में हुआ था। अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए ध्यान चंद सेना में शामिल हो गए और सेना में ही उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया। बता दें, हॉकी के जादूगर ने देश को कई लॉरेल दिलाए। ध्यान चंद 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा थे। उन्होंने अपने 22 साल के करियर में 400 से ज्यादा गोल किए।यह भी पढ़ें- हाकी के जादूगर को रहता था 'चांदनी' का इंतजार1936 के बर्लिन ओलंपिक फाइनल में ध्यान चंद ने तीन गोलों के साथ टीम का नेतृत्व किया, जिसे उन्होंने जर्मनी के खिलाफ 8-1 से जीता। यह खेल ध्यान चंद के नेतृत्व में भारत की हॉकी उपलब्धियों का चरम था। बता दें, सेवानिवृत्त होने के बाद भी, उन्होंने खेल में योगदान देना जारी रखा। उन्होंने पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान में मुख्य कोच के रूप में सेवा करने के अलावा राजस्थान में कई कोचिंग शिविरों में भी पढ़ाया।
क्या है इस दिन का महत्व?
राष्ट्रीय खेल दिवस पर हर साल भारत के राष्ट्रपति उन खिलाड़ियों और कोचों को सम्मानित करने के लिए खेल से जुड़े सभी पुरस्कार जैसे अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार देते हैं, जिन्होंने अपने-अपने खेल में देश को गौरवान्वित किया है।
खेलो इंडिया आंदोलन, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में किया था, खेलों के उन पहलों में से एक है जिसे सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में इस दिन शुरू किया है।इस दिन देश भर में विभिन्न टूर्नामेंट आयोजित किए जाते हैं। कई कॉलेज, स्कूल और ऑफिस में इस दिन के महत्व को ध्यान में रखते हुए सेमिनार और खेल आयोजित करते हैं।यह भी पढ़ें- मेजर ध्यानचंद पहलवान बनना चाहते थे...बन गए हाकी के जादूगर