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Shaheed Diwas 2024: इन वीर सपूतों की याद में मनाया जाता है शहीद दिवस, जानें उनके कुछ जोश से भर देने वाले विचार

देशभर में आज शहीद दिवस (Martyrs Day) मनाया जा रहा है। यह साल का दूसरा Shaheed Diwas है जिसे भरत सिंह शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर की याद में मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1931 में युवा स्वतंत्रता सैनानियों को फांसी पर लटकाया था। देश की आजादी के लिए कुर्बान होने वाले अमर शहीदों की श्रद्धांजलि में यह दिन मनाया जाता है।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Sat, 23 Mar 2024 10:43 AM (IST)
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जानें क्यों हर साल मनाया जाता है शहीद दिवस?
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Shaheed Diwas 2024: देश के इतिहास में आज का दिन बेहद अहम है। आज शहीदों के सम्मान और उनके बलिदान की याद में शहीद दिवस (Martyrs' Day) मनाया जा रहा है। हर दिन हर साल 23 मार्च को मनाया जाता है। सन् 1931 में आज ही के दिन अंग्रेजों ने भारत के युवा स्वतंत्रता सैनानी भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को फांसी पर लटकाया था। आजादी की लड़ाई में हंसते-हंसते अपनी जान कुर्बान करने वाले अमर शहीदों की श्रद्धांजलि में यह दिन मनाया जाता है।

भारत में शहीद दिवस एक नहीं, बल्कि दो बार मनाया जाता है। पहला शहीद दिवस 30 जनवरी को बापू यानी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर मनाया जाता है, जबकि साल का दूसरा शरीद दिवस हर साल 23 मार्च भारत के वीर सपूतों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को समर्पित है। इस मौके पर जानते हैं शहीद दिवस का इतिहास और शहीद भरत सिंह के कुछ अनमोल विचारों के बारे में-

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क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस?

ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाने और देश की आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए भारत माता के वीर सपूत भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु महज 23 साल की उम्र में फांसी पर चढ़ गए थे। देश के लिए अपना बलिदान देने वाले इन वीर स्वतंत्रता सैनानियों की याद में ही हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर विभिन्न संस्थायों और सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। आइए जानते हैं भरत सिंह के कुछ अनमोल विचार-

  • मैं एक मानव हूं और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।
  • जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है, दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।
  • कानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है, जब तक वह लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे।
  • सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।
  • राख का हर एक कण, मेरी गर्मी से गतिमान है, मैं एक ऐसा पागल हूं, जो जेल में भी आजाद है।
  • इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से अगर में इश्क लिखना भी चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है।
  • जो भी विकास के लिए खड़ा है उसे हर चीज की आलोचना करनी होगी, उसे आत्मविश्वास रखना होगा और चुनौती देनी होगी।
  • जो नौजवान दुनिया में तरक्की करना चाहते हैं, उन्हें वर्तमान युग में महान और उच्च विचारों का अध्ययन करना चाहिए।
  • जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।
  • बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।
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Picture Courtesy: Freepik