Good Friday 2024: गुड फ्राइडे जैसे पवित्र दिन पर क्यों जरूर खाई जाती है मछली?
इस साल गुड फ्राइडे 29 मार्च को मनाया जा रहा है। गुड फ्राइडे का त्योहार ईसाई धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इस दिन ईसा मसीह ने अपने प्राण त्यागे थे। इस दिन को याद करते हुए हर साल गुड फ्राइडे मनाया जाता है। इस दिन कुछ लोग मांसाहार में सिर्फ मछली का सेवन करते हैं। आइए जानते हैं ऐसा क्यों किया जाता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Good Friday 2024: गुड फ्राइडे ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार है। इस साल यह त्योहार, ईस्टर से दो दिन पहले 29 मार्च को है। प्रभु यीशु ने इंसानों की भलाई के लिए इस दिन अपनी जान कुरबान की थी। इसलिए इस दिन को ईसाई धर्म में बेहद खास माना जाता है।
क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे?
ईसा मसीह की कुर्बानी को याद करते हुए हर साल गुड फ्राइडे मनाया जाता है। यह ईस्टर से पहले आने वाले शुक्रवार को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन यीशू ने स्वेच्छा से मानवता के कल्याण के लिए अपना बलिदान दिया था। इस कारण इसे ब्लैक फ्राइडे और होली फ्राइडे भी कहा जाता है।
गुड फ्राइडे से पहले कुछ दिनों तक लोग उपवास रखते हैं, जिसके दौरान वे कुछ नियमों का पालन करते हैं। इन नियमों में इस दौरान मांसाहार में सिर्फ मछली खाने का नियम भी शामिल है। उपवास के इन दिनों को लेंट कहा जाता है, जो 40 दिनों तक चलता है। इसमें लोग सुबह उपवास रखते हैं और शाम को उपवास तोड़ते हैं। लेंट में उपवास करते समय सिर्फ मछली ही क्यों खाई जाती है, इसके कई कारण हैं। आइए जानते हैं गुड फ्राइडे के दिन क्यों ईसाई धर्म के लोग मछली खाते हैं।
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क्यों खाते हैं गुड फ्राइडे पर मछली?
गुड फ्राइडे पर मछली खाने का प्रमुख कारण यह है कि पहले के समय में मछली आसानी से मिल जाती थी और काफी सस्ती होती थी। इसलिए इसे खास खाने में शामिल नहीं किया जाता था। वहीं, मांस खरीदने में सभी सक्षम नहीं होते थे। इसलिए इसे खास खाना माना जाता था। इस कारण गुड फ्राइडे पर मांस खाना वर्जित है और मांसाहार में सिर्फ मछली का सेवन किया जाता है।इसके अलावा, इस दिन फल, सब्जियां, अनाज, दूध आदि को उपवास तोड़ने के बाद खाया जाता है। इसके अलावा, पूरे दिन उपवास रखने के बाद मांस खाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए भी लोग इस दिन मछली खाते हैं, मांस के बदले।मछली खाने के पीछे एक कारण यह भी है कि ईसा मसीह के कई अनुयायी मछुआरे थे और जब ईसाई धर्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, तब अपने धर्म के लोगों की पहचान करने के लिए भी मछली का इस्तेमाल किया जाता था। इसलिए भी इस दिन मछली खाने को अहमियत दी जाती है।