इस थीम के साथ सेलिब्रेट किया जा रहा है इस बार World Environment Day, इन वजहों से हुई थी इसे मनाने की शुरुआत
हर साल 5 जून का दिन दुनियाभर में World Environment Day के रूप में मनाया जाता है। पहला विश्व पर्यावरण दिवस 1973 को मनाया गया था। पर्यावरण खतरों के बारे में और इससे होने वाले नुकसान को किन तरीकों से रोका जा सकता है इन चीजों के प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से यह दिन मनाया जाता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने के मकसद से विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाने की शुरुआत हुई थी। हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। पर्यावरण संरक्षण हमारे बच्चों और आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। मानव और पर्यावरण के बीच गहरे संबंध को समझाना जरूरी है। तभी लोग इसके प्रति अपनी जिम्मेदारी समझेंगे।
विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) का इतिहास
साल 1972 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन के दौरान 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का एक प्रस्ताव पारित किया था। जिसके बाद से हर साल यह दिन मनाया जाने लगा। पहला विश्व पर्यावरण दिवस 1973 में “केवल एक पृथ्वी” थीम के साथ मनाया गया था।
विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) 2024 की थीम
हर साल विश्व पर्यावरण दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल की थीम है- 'भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखा सहनशीलता'। साल 2023 में इस दिन को 'बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन' थीम के साथ मनाया गया था।विश्व पर्यावरण दिवस का दूसरा नाम
5 जून को मनाए जाने वाले विश्व पर्यावरण दिवस को वनमहोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। ये भी पढ़ेंः- पेड़ों से लेकर नदियों तक को माना गया है पूजनीय, जानिए क्या है हिंदू धर्म में प्रकृति का महत्व
पर्यावरण दिवस का महत्व
प्रदूषण की समस्या भारत समेत कई दूसरे देशों में भी देखने को मिल रही है। लगातार बढ़ता प्रदूषण सिर्फ मनुष्यों के लिए ही नहीं, बल्कि हमारी प्रकृति के लिए भी खतरनाक है। स्वस्थ और स्वच्छ प्रकृति मानव जीवन का आधार है। प्रकृति हमें जीवन जीने के लिए सभी जरूरी चीजें उपलब्ध कराती है। ऐसे में इसका दोहन हमारे जनजीवन को प्रभावित कर सकता है। प्रकृति को प्रदूषण और दूसरे खतरों से बचाने के उद्देश्य से पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी।
स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण और ऊर्जा संरक्षण जैसे उपायों को अपनाकर हम पर्यावरण की रक्षा में बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं।ये भी पढ़ेंः- वायु प्रदूषण के लगातार बढ़ते खतरों से ऐसे रखें बच्चों को दूर