World No Tobacco Day 2024: इस थीम के साथ सेलिब्रेट किया जा रहा है इस बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस
हर साल 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ (World No Tobacco Day) मनाया जाता है। जिसका मकसद लोगों को तंबाकू से होने वाले खतरों के बारे में बताना और जागरूक करना है। दुनियाभर में हर साल लाखों लोगों की मौत तंबाकू सेवन से हो जाती है। किन कारणों से हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत जान लें यहां।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। तंबाकू का सेवन सेहत को कई तरह के नुकसान पहुंचा सकता है। धूम्रपान का असर सिर्फ शरीर पर ही बुरा असर नहीं डालता, बल्कि इससे मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। धूम्रपान से शरीर में रिलीज होने वाले हार्मोन स्ट्रेस लेवल बढ़ाने का काम करते हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि हर साल 8 मिलियन से भी ज्यादा लोगों की मौत तंबाकू के सेवन से होती है। तंबाकू के इस्तेमाल से हृदय रोग, कैंसर, फेफड़ों की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने की शुरुआत
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का फैसला लिया था। इसके पीछे वजह थी कि उस समय अन्य किसी बीमारी की तुलना में तंबाकू से होने वाली मौतों का आंकड़ा बहुत ज्यादा था। इस दिन को विश्व स्तर पर मनाने का उद्देश्य लोगों को तंबाकू सेवन के खतरों के बारे में बताना और उसे रोकने के उपायों के बारे में जागरूक करना था। इस अवसर पर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिसके जरिए लोगों इसके खतरों को समझ सकें।
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तंबाकू निषेध दिवस 2024 की थीम
हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस को एक खास थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। साल 2024 में तंबाकू निषेध दिवस 2024 की थीम है Protecting Children From Tobacco Industry Interference मतलब बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना है। साल 2023 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम 'वी नीड फूड-नॉट टोबैको' थी।
तंबाकू के हानिकारक प्रभाव केवल धूम्रपान करने वालों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वो लोग भी इसके खतरे में हैं, जो धुएं के संपर्क में आते हैं। उन्हें भी हृदय रोग, श्वसन के साथ कुछ खास तरह के कैंसर प्रभावित कर सकते हैं। कुल मिलाकर, तंबाकू का सेवन शारीरिक स्वास्थ्य पर भारी नुकसान पहुंचाता है, जिससे बीमारियों और मौतों में वृद्धि होती है और जीवन की गुणवत्ता कम हो जाती है।