Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

World Press Freedom Day 2024: कैसे हुई थी भारत में पत्रकारिता की शुरुआत, जानिए इसका दिलचस्प सफर

3 मई को हर साल विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस (World Press Freedom Day 2024) मनाया जाता है। यह दिन लोगों को मीडिया के महत्व से रूबरू करवाने और सच सामने लाने के लिए कई चुनौतियों का सामना कर रहे पत्रकारों को सम्मानित करने के मकसद से यह दिन मनाया जाता है। आइए इस मौके पर आपको बताते हैं भारत में पत्रकारिता के विकास की कहानी।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Fri, 03 May 2024 08:09 PM (IST)
Hero Image
World Press Freedom Day 2024: भारत में पत्रकारिता का दिलचस्प सफर

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Press Freedom Day 2024: हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस यानी वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे मनाया जाता है। बता दें, यह दिन लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाले मीडिया को समर्पित है, जिसे अंग्रेजी में फोर्थ पिलर ऑफ डेमोक्रेसी भी कहते हैं। यह दिन उन पत्रकारों और समाचार संस्थानों को समर्पित है, जो कई खतरों का सामना करते हुए भी सच के लिए लड़ रहे हैं। आइए इस मौके पर आपको बताते हैं भारत में पत्रकारिता के विकास की दिलचस्प कहानी।

पहला अखबार: 1780 में पहला अखबार बंगाल गैजेट शुरू हुआ था। बता दें, अंग्रेजी का यह अखबार जेम्स ऑगस्टस हिकी द्वारा शुरू किया गया था, जो कि साप्ताहिक था।

भारतीय भाषा में पहला अखबार: 1821 में छपा संवाद कौमुदी बांग्ला भाषा का पहला दैनिक अखबार होने के साथ-साथ भारतीय भाषा में प्रकाशित पहला अखबार भी था। इसकी शुरुआत राजा राम मोहन रॉय ने की थी।

सबसे पुराना अखबार: फरदुनजी मजबान द्वारा 1822 में शुरू किया गया बॉम्बे समाचार सबसे पुराना एशियाई अखबार है। खास बात है कि यह भी जारी है।

पहला उर्दू अखबार: 1822 में शुरू हुआ जाम-ए-जहांनुमा पहला उर्दू अखबार है, जिसकी शुरुआत दिल्ली से ही हुई थी।

पहला हिन्दी अखबार: 1826 में शुरू हुआ उदन्त मार्तण्ड देश का पहला हिन्दी अखबार रहा है, जिसकी शुरुआत जुगल किशोर शुक्ल ने की थी।

पहला मराठी अखबार: बाला शास्त्री जमकर द्वारा 1832 में दर्पण अखबार शुरू किया था और 1840 में उन्होंने मासिक दिग्दर्शन भी निकाला था।

जर्नल ऑफ कॉमर्स: 1838 द बॉम्बे टाइम्स एंड जर्नल ऑफ कॉमर्स की शुरुआत हुई थी, जो कि बाद में टाइम्स ऑफ इंडिया बन गया।

पहला उर्दू-हिन्दी अखबार: पयाम-ए-आजादी, पहला उर्दू और हिन्दी अखबार था, जिसकी शुरुआत 1857 में हुई थी। बता दें, यह भारत की आजादी की आवाज उठाने वाला पहला उर्दू अखबार भी रह चुका है।

यह भी पढ़ें- देश-दुनिया के वो पत्रकार जिन्होंने छोड़ी अपनी छाप, हर किसी ने माना उनकी कलम का लोहा

गांधी जैसे नेताओं ने भी निकाले अखबार

1881: बाल गंगाधर तिलक ने मराठी अखबार केसरी का प्रकाशन शुरू किया था।

1903: गांधीजी ने कमजोर वर्ग के लिए इंडियन ओपिनियन दक्षिण अफ्रीका से निकाला।

1909: पंडित मदन मोहन मालवीय ने द लीडर नामक अखबार शुरू किया।

1913: गणेश शंकर विद्यार्थी ने क्रांतिकारियों के लिए कानपुर से प्रताप शुरू किया था।

रेडियो और टीवी की यात्रा

रेडियो समाचार बुलेटिन: 1927 में इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी ने पहला रेडियो समाचार प्रसारित किया। 1956 में आकाशवाणी ने समाचार सेवाएं शुरू की।

दूरदर्शन पर पहला समाचार प्रसारित: 1965 में दूरदर्शन पर 5 मिनट का समाचार बुलेटिन शुरू। 1959 में दूरदर्शन पर पहला प्रसारण हुआ था।

इमरजेंसी में प्रेस पर सेंसर: 1975 में देश में इमरजेंसी लगी। प्रेस को सेंसर किया गया था।

पहला न्यूज एनालिसिस शो: 1988 में प्रणय रॉय ने दूरदर्शन परवर्ल्ड दिस वीक नामक न्यूज एनालिसिस प्रोग्राम शुरू किया था। यह इस तरह का पहला शो माना जाता है।

24 घंटे का न्यूज चैनल: 1998 स्टार इंडिया ने आम चुनावों के लिए स्टार न्यूज चैनल शुरू किया, जो भारत का पहला 24 घंटे का न्यूज चैनल (एनडीटीवी के साथ) था।

यह भी पढ़ें- विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है?

Picture Courtesy: X