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गर्मियों में आप गटक जाते हैं लस्सी या छाछ का ग्लास, तो जानें दोनों में से क्या है ज्यादा बेहतर विकल्प

गर्मियों में लोग अक्सर खुद को हाइड्रेट और शरीर की ठंडक बनाए रखने के लिए छाछ या लस्सी पीना पसंद करते हैं। यह दोनों ही दूध से बने प्रोडक्ट हैं लेकिन इनका स्वाद और इसे बनाने का तरीका काफी अलग होता है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि छाछ और लस्सी (buttermilk vs lassi) में क्या बेहतर है। आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब

By Jagran News Edited By: Harshita Saxena Updated: Wed, 19 Jun 2024 10:22 AM (IST)
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छाछ या लस्सी, क्या है बेहतर (Picture Credit- Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सदियों से गर्मी के मौसम में लगभग हर भारतीय का पसंदीदा पेय लस्सी या फिर छाछ है। ये दोनों ही दही से बन कर तैयार होने वाले ड्रिंक हैं। हालांकि, इन्हें बनाने का तरीका और इनका स्वाद दोनों ही काफी अलग होते हैं। एक तरफ जहां लस्सी का स्वाद मीठा होता है, तो वहीं दूसरी तरफ छाछ का स्वाद नमकीन होता है।

लस्सी बनाने के दौरान इसमें दही को अच्छे से फेंट कर, इसमें पिसी हुई चीनी मिलाते हैं और फिर मेवे के टुकड़े मिला कर आम,केसर, गुलाबजाल जैसे किसी भी फ्लेवर से टॉपिंग डालते हैं। इससे लस्सी का स्वाद बढ़ जाता है और फिर मलाई की एक लेयर के साथ इसे सर्व करते हैं। वहीं, छाछ बनाते समय दही को अच्छे से फेंटने के बाद इसमें पानी मिलाया जाता है, फिर काला नमक, पीसा भुना जीरा डाल कर मिक्स किया जाता है।

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छाछ vs दही

गर्मी से राहत दिलाने और पेट के लिए दोनों ही फायदेमंद होते हैं। यह पाचन क्रिया बढ़ाते हैं और कैल्शियम, विटामिन बी12, प्रोटीन, जिंक और खास तौर पर प्रोबायोटिक से भरपूर होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सम्पूर्ण पौष्टिकता के मामले में इन दोनों में थोड़ा अंतर हो जाता है। ऐसे आज इस आर्टिकल में जानते हैं छाछ और लस्सी में से कौन सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है।

छाछ

छाछ पीने के बाद आपको हल्का महसूस होता है। इसका कारण ये है कि छाछ एक लाइट ड्रिंक है, क्योंकि इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है। लस्सी की तुलना में छाछ में कम कैलोरी पाई जाती है और यह एसिडिक भी कम होती है। इसे तैयार करने के दौरान इसमें काला नमक, भुना जीरा पाउडर और हरी धनिया मिलाया जाता है, जो इसकी पौष्टिकता और भी बढ़ाते हैं। ये खाने को अच्छे से पचने में मदद करता है और साथ ही पेट को ठंडा भी रखता है।

लस्सी

वहीं, दूसरी तरफ लस्सी पीने के बाद पेट अच्छे से भर जाता है। यह शुद्ध रूप से दही की बनी होती है और इसका स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें चीनी के साथ मलाई भी डाली जाती है। ये चीजें लस्सी को छाछ की तुलना में थोड़ा अनहेल्दी बनाती हैं। ऐसे में डायबिटीक मरीज और वेट लॉस डाइट फॉलो करने वाले लोगों के लिए लस्सी से बेहतर विकल्प छाछ है। वजन कम करने के लिए छाछ का सेवन ही करना चाहिए।

छाछ या दही- क्या बेहतर

छाछ से ब्लोटिंग की समस्या से भी राहत मिलती है। यह कब्ज और एसिडिटी से राहत दिलाता है, हड्डियां मजबूत बनाता है। इसमें कैल्शियम, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। लस्सी की तुलना में छाछ में 50% तक कम कैलोरी की मात्रा होती है और फैट की मात्रा भी 75% तक कम होती है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि छाछ और लस्सी की तुलना में छाछ काफी हद तक बेहतर विकल्प है।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।