हलाल, वीगन और सात्विक डाइट में आप भी रहते हैं कन्फ्यूज, तो यहां समझें तीनों का फर्क
हलाल वीगन और सात्विक डाइट के ऐसे 3 प्रकार हैं जिन्हें सेहत के लिए काफी जरूरी माना गया है। खानपान को लेकर आपकी पसंद-नापसंद में फर्क जरूर हो सकता है लेकिन सेहतमंद जिंदगी के लिए इन तीनों तरह की डाइट के बारे में जानना भी काफी जरूरी है। आइए जानें इन सभी के मतलब जिससे मार्केट में कुछ भी खरीदने से पहले आपको किसी तरह की कन्फ्यूजन न हो।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Halal Vegan And Sattvic Diet: मार्केट से कुछ खरीदने से पहले आज कई लोग प्रॉडक्ट्स पर लगे टैग को देखते हैं। भारतीय खानपान में मुख्य रूप से देखें तो हलाल, वीगन और सात्विक डाइट बड़े पैमाने पर लोगों की पसंद है। सेहत की नजर से भी तीनों ही ऑप्शन्स हेल्दी होते हैं, लेकिन सेहतमंद जिंदगी के लिए इन तीनों का अंतर जानना भी काफी जरूरी है। आइए इस आर्टिकल में आपको आसान शब्दों में तीनों का फर्क समझाने की कोशिश करते हैं।
सात्विक और वीगन डाइट
फल-सब्जी और डेयरी प्रोडक्ट्स को सात्विक आहार में गिना जाता है। इसे आप वेजिटेरियन कैटेगरी में भी रख सकते हैं, लेकिन जब बात वीगन डाइट की हो, तो इसमें डेयरी प्रोडक्ट्स के अलावा सभी चीजों को शामिल किया जाता है। इस तरह की डाइट फॉलो करने वाले लोग पशुओं से प्राप्त किसी भी तरह की फूड आइटम से परहेज करना पसंद करते हैं।यह भी पढ़ें- क्या होती है Vegan Diet? सिर्फ ट्रेंड देखकर 'वीगन' बनने से पहले यहां जान लीजिए इसके फायदे-नुकसान
भारतीय संस्कृति को देखें, तो लंबे वक्त से यहां शाकाहार का चलन है। इसके पीछे धार्मिक मत होने के साथ-साथ लोगों की अपनी पसंद भी हो सकती है। बता दें, वीगन या सात्विक डाइट फॉलो करने वाले लोगों में डेयरी और अन्य पशु उत्पादों को लेकर हमेशा से परहेज की बात देखी जाती है यानी ऐसे लोग सिर्फ मांस ही नहीं, बल्कि अंडे या पशुओं से प्राप्त दूध भी नहीं लेते हैं।