Puri Recipes: प्लेन पूरी खा-खाकर हो गए हैं बोर, तो ट्राई कर सकते हैं ये 10 अलग-अलग टाइप की पूरियां
घर पर कोई उत्सव या त्योहार हो अक्सर पूरियां जरूर बनाई जाती हैं। वैसे तो गेंहू के आंटे से साधारण पूरियां अक्सर ही बनाई जाती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप और भी कई तरह की पूरियां बना सकते हैं जो भारत के अलग-अलग इलाकों में काफी प्रचलित हैं। आइए जानते हैं और किन-किन तरीकों से पूरियां बनाई जाती हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Puri Recipes: कोई भी कार्यक्रम हो, उसमें पूरियां जरूर बनाई जाती हैं। भगवान के लिए भोग में तो पूरियां जरूर बनाई जाती हैं। पूरियां ज्यादातर गेंहू के आटे, मैदे या फिर चावल के आटे से डीप फ्राई कर बनाई जानती हैं, जिसे सब्जी या करी के साथ परोसा जाता है।
पूरा भारत में अलग-अलग पूरियां बनाई जाती है और खाई जाती हैं, जैसे- दाल की पूरियां उत्तर भारत में करवा चौथ, भईया दूज और कुछ अन्य त्योहारों पर बनाई जाती है। इसके अलावा सिंघाड़े के आटे की पूरी व्रत के दौरान बनाई जाती हैं। ऐसे ही बनारस की हर गली और नुक्कड़ पर उड़द दाल की पूरियां सुबह नाश्ते में बनाई जाती है, जिनके साथ सब्जी और जलेबी का स्वाद इसके जायके को बढ़ाता है। आज हम आपको ऐसी ही कुछ खास पूरियों को बारे में बताने वाले हैं, जिन्हें आप भी अपने घर पर बना सकते हैं।
बेड़मी पूरी (Bedmi Puri)
गेंहू के आटे में मोटे उड़द के दाल की स्टफिंग को भरकर पूरी बेली जाती है और इसे डीप फ्राई किया जाता है। ये पूरियां बनारस, मथुरा, आगरा, और दिल्ली में खूब प्रसिद्ध है।भटूरा (Bhatura)
मैदा, दही, सूजी पानी और बेकिंग सोडा से इसका आटा तैयार किया जाता है और इसे डीप फ्राई करके पूरियां बनाई जाती हैं, जिसे काबुली चने या छोले के साथ खाया जाता है। यह उत्तर भारत में काफी लोकप्रिय है।
हरी मटर की पूरी (Hari Matar Puri)
हरी मटर के स्टफिंग को गेंहू के आटे की लोइयों में भरकर इनकी पूरियां बनाई जाती हैं और इन्हें डीप फ्राई किया जाता हैं। इसे धनियां या पुदीने की चटनी के साथ सर्व किया जाता है।यह भी पढ़ें: कहीं आप भी तो नहीं कर रहे मिलावटी घी का इस्तेमाल, इन तरीकों से करें इसकी शुद्धता की पहचान