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Diwali 2024: दीवाली के दिन इस खास वजह से बनाई जाती है जिमीकंद की सब्जी, जानें इसका महत्व

Diwali 2024 का पर्व इस साल 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हर साल इसे धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन कई सारे रीति-रिवाज और परंपराओं को फॉलो किया जाता है। इन्हीं में से एक इस दिन जिमीकंद की सब्जी बनाना है। दीवाली के दिन कई घरों में सूरन की सब्जी बनाई जाती है। आइए जानते हैं क्या है इसका कारण।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Fri, 25 Oct 2024 07:30 AM (IST)
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दीवाली पर क्यों बनाई जाती है जिमीकंद की सब्जी (Picture Credit- Instagram)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। दीवाली का त्योहार आने में अब कुछ ही दिन बाकी है। रोशनी का यह पर्व हर साल पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दीयों और मोमबत्तियां की रोशनी से जगमगाता यह यह पर्व अंधकार में रोशनी की तरह जगमगाने की प्रेरणा देता है। इस दौरान लोग अक्सर अपने घरों की साज-सज्जा करते हैं और ढेर सारे पकवान भी बनाते हैं, लेकिन दीवाली का यह पर्व सिर्फ मोमबत्तियां, दीयों और मिठाइयों तक ही सीमित नहीं है। इस दौरान कई रीति-रिवाज और परंपराएं भी निभाई जाती हैं।

इन्हीं परंपरा में से एक है दीवाली के दिन सूरन यानी जिमीकंद की सब्जी बनाना। इस दिन कई घरों में खास तौर पर जिमीकंद की सब्जी बनाई जाती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि दीवाली के दिन इस सब्जी को बनाने का क्या महत्व है और उसके पीछे का कारण क्या है।

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क्यों बनाई जाती है जिमीकंद की सब्जी?

जिमीकंद जिसे ओल, सूरन या हाथी पैर रतालू के नाम से भी जाना जाता है, दीवाली के मौके पर खासतौर से बनाई जाती है। इसे बनाने की यह परंपरा मुख्य रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में निभाई जाती है। इस परंपरा का पालन ज्यादातर कायस्थ और ब्राह्मण समुदाय के लोग करते हैं। दरअसल, एक मान्यता है कि दीवाली पर इस सब्जी को बनाना शुभ होता है और इससे घर परिवार में खुशहाली आती है।

समृद्धि का प्रतीक है जिमीकंद

दीवाली के दिन इस सब्जी को बनाना इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस जड़ वाले सब्जी को समृद्धि का संकेत माना जाता है। दरअसल, जिमीकंद की कटाई के बाद अगर इसका कुछ हिस्सा मिट्टी में रह जाए, तो उससे दूसरा जिमीकंद उग जाता है, जिसे समृद्धि का सूचक मानते हैं।

साथ ही यह भी माना जाता है कि यह सब्जी कभी खराब नहीं होती। ऐसे में दीवाली के दिन इस सब्जी को बनाकर मां लक्ष्मी को भोग लगाया जाता है और उनसे प्रार्थना की जाती है कि जिस तरह जिमीकंद कभी खराब नहीं होता और हमेशा फलता-फूलता है, उसी तरह उनके घर में भी खूब तरक्की और समृद्धि आए।

जिमीकंद के फायदे

रीति-रिवाज और परंपरा के अलावा जिमीकंद वैज्ञानिक सृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण होता है। यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होने की वजह से इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही इसमें मौजूद ढेर सारे विटामिन, मिनरल, फैट, प्रोटीन, पोटेशियम और घुलनशील फाइबर कई तरह की समस्याओं से बचाव करते हैं। इसके अलावा सूरन हाई ब्लड प्रेशर कम करने में भी मदद करता है।

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