Guru Nanak Jayanti पर घर में ही बनाएं गुरुद्वारे जैसा कड़ा प्रसाद, बस नोट करें सिंपल रेसिपी
हर साल गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti 2024) धूमधाम से मनाई जाती है। यह दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के जन्मदिवस के मौके पर मनाया जाता है। इस मौके पर कड़ा प्रसाद बनाने का काफी महत्व होता है। ऐसे में अगर आप घर पर ही कड़ा प्रसाद बनाना चाहते हैं तो इस रेसिपी को फॉलो कर सकते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। शुक्रवार यानी 15 नवंबर को गुरु नानक जयंती मनाई जाएगी। यह सिख धर्म का सबसे अहम पर्व है, जिसे गुरु पर्व या प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के जन्मदिवस का प्रतीक माना जाता है। साथ ही वह सिख धर्म के पहले गुरु भी माने जाते हैं। इस मौके पर देशभर में कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन लोग गुरुद्वारे जाकर प्रार्थना करते हैं और गुरुद्वारे आए सभी भक्तों को कड़ा प्रसाद बांटा जाता है।
कड़ा प्रसाद का अपना खास महत्व होता है। कड़ा प्रसाद को गुरु का आशीर्वाद माना जाता है, जो भगवान की दिव्य कृपा प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही इसका स्वाद कई लोगों को बेहद पसंद भी आता है। अगर आप भी इस बार घर पर कड़ा प्रसाद बनाने की सोच रहे हैं, तो इस आसान रेसिपी को फॉलो कर गुरुद्वारे जैसा स्वादिष्ट कड़ा प्रसाद बना सकते हैं।यह भी पढ़ें- नाश्ते में खाना है कुछ टेस्टी और हेल्दी, तो इस आसान रेसिपी से झटपट बनाएं फाइबर से भरपूर Rava Upma
कड़ा प्रसाद बनाने की सामग्री
- साबुत गेहूं का आटा (थोड़ा मोटा पीसा हुआ) - 1 कप
- देसी घी - 1 कप
- चीनी- 1 कप
- पानी- 3 कप
कड़ा प्रसाद बनाने का तरीका
- सबसे पहले एक सॉस पैन में 3 कप पानी डालकर इसे अच्छे से उबालें।
- फिर इसमें चीनी डालें और तब तक चलाएं जब तक यह पूरी तरह से घुल न जाए। चाशनी तैयार हो जाए, तो इसे एक तरफ अलग रख लें।
- इसके बाद एक भारी तले वाले पैन में मीडियम फ्लेम पर घी गर्म करें। जब घी पिघलने लगे, तो इसमें सारा आटा डाल दें।
- अब इस आटे को लगातार चलाते रहें और आटे को घी में लगभग 15-20 मिनट तक या जब तक यह सुनहरा भूरा न हो जाए और इसमें हल्की सुगंध न आने लगे तब तक भून लें।
- आटे को जलने से बचाने के लिए इसे लगातार चलाते रहें।
- इसके बाद भुने हुए आटे में सावधानी से और धीरे-धीरे गर्म चीनी की चाशनी डालें और गांठ बनने से बचने के लिए इसे लगातार चलाते रहें।
- हलवे को चलाते रहें और तब तक पकाएं जब तक कि यह गाढ़ा न हो जाए और पैन के किनारों से घी अलग न होने लगे।
- अंत में आंच बंद कर दें और कड़ा प्रसाद को गरमागरम परोसें। परंपरागत रूप से, इसे तवे से सीधे गर्म परोसा जाता है।