कहीं लंगड़ा तो कहीं तोतापरी कहलाया ‘फलों का राजा’, जानें आमों के दिलचस्प नामों की कहानी
शायद ही कोई ऐसा हो जिसे आम खाना पसंद नहीं। यही वजह है कि इसे फलों का राजा भी कहा जाता है। देश में आम की कई किस्में (Mango Species) पाई जाती हैं जो विदेशों में भी पसंद की जाती है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर आमों की इन विभिन्न किस्मों के नाम कैसे रखे गए। अगर नहीं तो आइए बताते हैं आमों के नामों की कहानी।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। फलों का राजा आम (Mango) अपने बेहतरीन स्वाद की वजह दुनियाभर में जाना जाता है। मीठा, रसीला और गूदेदार आम का नाम सुनते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। शायद ही कोई ऐसा हो, जिसे आम खाना पसंद नहीं। गर्मियों में मिलने वाले इस फल की वजह से ही लोग बेसब्री से इस मौसम का इंतजार करते हैं। भारत में आम की कई सारी किस्में (Mango Species) पाई जाती हैं, जिनका अपना अलग स्वाद और खासियत होती है। बेहद स्वादिष्ट और खास इन भारतीय आमों की विदेशों में भी काफी डिमांड है।
आम के इन विभिन्न किस्मों के नाम तो सभी ने सुने होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर इन आमों के ये नाम कैसे पड़े। अगर आपके मन में भी अक्सर यह सवाल आता रहता है, तो आज इस आर्टिकल में हम आपके इस सवाल का जवाब लेकर आए हैं। आज हम आपको बताएंगे 10 प्रमुख भारतीय आमों के नामों की अनोखी कहानी के बारे में-
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लंगड़ा
लंगड़ा आम की लोकप्रिय किस्मों में से एक है और इसका इतिहास करीब 250-300 साल पुराना है। ऐसा कहा जाता है कि बनारस में एक लंगड़े आदमी ने अपने घर के पीछे एक बीज बोया था। इस व्यक्ति को उसके साथी 'लंगड़ा' कहकर पुकारा करते थे। ऐसे में जब घर के पीछे लगाए बीज से उगे पेड़ के आम जब बाजार में गए, तो लोग इसके स्वाद से काफी प्रभावित हुए और इस तरह आम की इस किस्म का नाम लंगड़ा पड़ गया।
दशहरी
आम खाने के शौकीन कई लोगों का पसंदीदा आम दशहरी है। यह बेहद मीठा और रसभरा होता है, जिसे आमतौर चूसकर खाया जाता है। इसके नाम का श्रेय अब्दुल हमीद खान कंधारी को जाता है, जिन्होंने लखनऊ के काकोरी के पास दशहरी गांव के पास आम के पौधे लगाए थे और इसलिए इस गांव के नाम पर इसका नाम दशहरी पड़ा। बाद में यह आम लखनऊ के नवाबों के बगीचों में लोकप्रिय हो गए थे।तोतापरी आम
यह भी भारत में पाई जाने वाली आम की एक लोकप्रिय किस्म है, जिसे इसके अनोखे आकार और स्वाद की वजह से पसंद किया जाता है। जैसा कि इसके नाम तोतापरी से ही पता चलता है, तोते जैसे रंग और आकार के कारण इस आम को तोतापरी नाम दिया गया है।