बेहद दिलचस्प है Indo-Chinese Cuisine की कहानी, Kolkata से शुरू हुआ था चाइनीज खाने में भारतीय मसालों के तड़के का सफर
क्या आप जानते हैं कि जिस मंचूरियन से लेकर चिली चिकन और चाऊमीन से लेकर तीखी चटपटी शेजवान सॉस को आप चटकारे लेकर शौक से खाते हैं उसका श्रेय भले ही चीन को जाता हो लेकिन इसकी शुरुआत कोलकाता से हुई थी। जी हां यह चाइनीज नहीं बल्कि इंडो-चाइनीज फूड है (Indo-Chinese Cuisine) और इनमें से कई डिशेज सिर्फ भारत में ही मिलती हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Indo-Chinese Cuisine: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता को खुशियों का शहर यानी City of Joy के नाम से दुनियाभर में जाना जाता है। 1911 तक यह ब्रिटिश इंडिया की राजधानी थी। चौरंगी लेन, हावड़ा ब्रिज या फिर यहां की येलो टैक्सी, आज भी ब्रिटेन और आर्मीनिया जैसे देशों की याद दिला देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस संस्कृति की खुशबू कोलकाता की हवाओं में घुल गई है, वह चीन की देन है?
कैसे हुई इंडो-चाइनीज फूड की शुरुआत?
हम बात कर रहे हैं चाइनीज खाने में भारतीय मसालों (Indian Spices) के तड़के की, जिसके बाद भारतीय चीनी व्यंजन (Indo-Chinese Cuisine) का जन्म हुआ। इसी से हमें मिले, चिकन मंचूरियन, चिली चिकन, चाऊमीन और तीखी चटपटी शेजवान सॉस। आपको जानकर हैरानी होगी कि इनमें से कई डिशेज सिर्फ और सिर्फ भारत में ही मिलती हैं।यह भी पढ़ें- इस बीमारी के इलाज के लिए हुई थी चाट खाने की शुरुआत, बेहद दिलचस्प है इसका खट्टा-मीठा इतिहास
बेहद दिलचस्प है इसका सफर
इंडो-चाइनीज फूड के जायके की तरह की इसका सफर भी काफी दिलचस्प रहा है। कहा जाता है कि 18वीं शताब्दी के आखिर में भारत आए हाका चाइनीज ट्रेडर्स इसे यहां लाए थे, और देखते ही देखते यह क्यूजीन दोनों देशों की संस्कृति के बीच एक मजबूत कड़ी बन गई।200 साल पुराने रेस्तरां हैं मौजूद
चाइनीज ब्रेकफास्ट से दिन की शुरुआत करने के लिहाज से कोलकाता के ओल्ड चाइना टाउन (Old China Town) में तिरेत्ती बाजार (Terreti Bazar) से बेहतर जगह कोई नहीं हो सकती है। इसके अलावा अगर आपको 200 साल पुराने रेस्तरां में बैठकर इंडो-चाइनीज खाने का मजा लेना है, तो इसके लिए टांगरा का चाइना टाउन एकदम परफेक्ट है। यहां के चाइनीज रेस्तरां आज भी चीन से आए लोगों की पीढ़ियां संभालती हैं।