Move to Jagran APP

क्या आप भी Brown Sugar और Honey को लेकर हैं कन्फ्यूज, तो जानें क्या है दोनों में से ज्यादा हेल्दी

इन दिनों लोग अपनी सेहत को लेकर काफी सगज हो चुके हैं और इसलिए कई लोग अपनी डाइट से रिफाइंड शुगर को बाहर कर रहे हैं। रिफाइंड शुगर हमारी सेहत के लिए काफी नुकसानदेह होता है। ऐसे में लोग इसके ऑप्शन के रूप में Brown Sugar और Honey को डाइट में शामिल करते हैं। हालांकि इसे लेकर भी लोग अक्सर कंफ्यूज रहते हैं कि इनमें से क्या ज्यादा हेल्दी है।

By Jagran News Edited By: Harshita Saxena Updated: Sun, 14 Jul 2024 07:00 AM (IST)
Hero Image
शहर या ब्राउन शुगर क्या है ज्यादा हेल्दी (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। शुगर मानव खानपान का एक अभिन्न अंग है, जिससे दूरी बनाना कठिन सा लगता है। हम व्हाइट रिफाइंड शुगर से खास तौर पर दूरी बनाते हैं, लेकिन अगर हम इसके अलावा पैकेज्ड जूस, एनर्जी ड्रिंक, चॉकलेट, आइस्क्रीम जैसी चीजों का सेवन करते हैं, तो किसी न किसी रूप में हम रिफाइंड शुगर को अपने शरीर में प्रवेश करा ही लेते हैं जो कि 99.9% सुक्रोज है, जिससे मात्र कैलोरी और जीरो न्यूट्रिएंट मिलता है, जो सेहत के लिए हानिकारक होता है और यही कारण है कि लोग इससे दूरी बनाते हैं।

इस चक्कर में लोग रिफाइंड शुगर के विकल्प खोजने लगते हैं। कोई गुड़ खाता है, कोई शहद और कुछ लोग ब्राउन शुगर भी लेते हैं। आइए जानते हैं ब्राउन शुगर और शहद में से क्या बेहतर है-

यह भी पढ़ें-  बेहद दिलचस्प है 'कॉफी' का इतिहास, चोरी से लाए गए थे भारत में इसके बीज

ब्राउन शुगर

शुगर बनाने की प्रक्रिया में कम प्रोसेस किया हुआ शुगर ब्राउन शुगर कहलता है या फिर मोलेस कंटेंट के साथ व्हाइट शुगर मिला कर भी ब्राउन शुगर बनाते हैं। ये एक प्रकार का अनरिफाइंड व्हाइट शुगर ही है। अपने भूरे रंग के कारण इसे ब्राउन शुगर कहते हैं। इसमें 93.5% सुक्रोज की मात्रा होती है और कुछ प्रतिशत मिनरल भी पाया जाता है। यही कारण है कि ये सफेद रिफाइंड शुगर से थोड़ा हेल्दी माना जाता है।

हालांकि, सच्चाई ये है कि ये मिनरल की मात्रा इतनी कम होती है कि ये इसे रिफाइंड शुगर से कुछ खास अलग नहीं बनाती है। इसलिए इनमें मामूली अंतर होता है। इसे गर्म करने पर ये कैरेमेलाइज होता है, जिसके कारण ग्लेज या शाइन देने के लिए कई प्रकार की डिशेज में ब्राउन शुगर का इस्तेमाल किया जाता है।

शहद

शुद्ध शहद सौ फीसदी मधुमक्खी से बनी हुई होती है। नेचुरल उत्पादन के कारण इसमें एंटी बैक्टीरियल, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। शहद में फ्रक्टोज, ग्लूकोज, पानी, कार्बोहाइड्रेट के साथ विटामिन और मिनरल भी पाया जाता है। अपने मीठे स्वाद और फ्लेवर के कारण शहद का उपयोग एक आर्टिफिशियल स्वीटनर के रूप में और कई प्रकार की डिशेज में किया जाता है।

डाइट पर विशेष ध्यान देने वाले लोग भी सुबह की ग्रीन टी में एक चम्मच शहद या फिर नींबू पानी में शहद मिला कर इसका सेवन वजन घटाने के लिए करते हैं। अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण शहद कई गले की खराश, सर्दी, ज़ुकाम और खांसी जैसे सीजनल फ्लू में आराम पहुंचाता है।

क्या ज्यादा बेहतर

इस तरह यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि ब्राउन शुगर और शहद में से किसी एक का चुनाव करना हो तो निश्चित रूप से वह शहद ही होगा। ब्राउन शुगर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 65 है, जो मीडियम ग्लाइसेमिक इंडेक्स की श्रेणी में आता है और वहीं शहद का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 58 है, जो लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स है। इसलिए इस हिसाब से भी शहद एक हेल्दी विकल्प हुआ।

शहद में फ्लेवोनॉयड और पॉली फेनॉल जैसे एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो इसे और भी हेल्दी बनाते हैं। लेकिन वीगन डाइट फॉलो करने वाले लोगों के लिए शहद की तुलना में ब्राउन शुगर बेहतर विकल्प है। बाकी अन्य मामलों में शहद को ही बेहतर माना जा सकता है।

यह भी पढ़ें-  हल्दी पाउडर से ज्यादा गुणकारी है Raw Turmeric, जानें इसे डाइट में शामिल करने के फायदे

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।