त्योहार में पेट भी रहेगा हैप्पी, बस मैदे की जगह करें इन हेल्दी आटों का इस्तेमाल
त्योहार के मौके पर मैदे का खूब इस्तेमाल किया जाता है। कई तरह की डिशेज बनाने के लिए मैदे का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि मैदा सेहत के लिए बिल्कुल फायदेमंद नहीं होता। मैदा गेहूं का रिफाइंड आटा होता है जिसमें पोषक तत्व न के बराबर मौजूद होते हैं और इसे पचाने में भी मुश्किल होती है। जानें इसके कुछ हेल्दी विकल्प (Maida Healthy Alternatives)।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Healthy Alternatives of Maida: मैदा, गेंहू का रिफाइंड आटा है, जिसमें फाइबर और पोषक तत्व बहुत ही कम मात्रा में पाए जाते हैं। इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है, जिससे वजन बढ़ने,डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, इसका लंबे समय तक सेवन करने से कब्ज जैसी पाचन समस्याएं भी होने लगती हैं।
इसलिए यदि खुद को हेल्दी और फिट बनाए रखना है, तो मैदा से बनी चीजों को कम से कम खाना चाहिए। इसलिए यहां हम मैदे की जगह इसके कुछ हेल्दी विकल्प, जैसे- साबुत अनाज या अन्य अनाजों से तैयार पौष्टिक आटे के बारे में बताने वाले हैं। ये आटे मैदे के बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं, जो शरीर में पोषण और फाइबर की मात्रा को बनाए रखते हैं। आइए जानते हैं इन हेल्दी ऑप्शन्स के बारे में।
मैदा के हेल्दी विकल्प
- साबुत गेहूं का आटा- साबुत गेहूं का आटा फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है। यह मैदा की तुलना में धीरे-धीरे पचता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। रोटियों, पराठों और बेकिंग के लिए ये एक बेहतरीन ऑप्शन है।
- जौ का आटा- जौ का आटा फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है। इसे रोटी, दलिया, या ब्रेड के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- बाजरे का आटा- फाइबर, आयरन तथा प्रोटीन से भरपूर बाजरे का आटा ग्लूटेन-मुक्त होता है। यह पाचन शक्ति को सुधारता है और वेट मैनेजमेंट में मददगार होता है। इसका इस्तेमाल रोटी और डोसा बनाने में हो सकता है।
- नारियल का आटा- नारियल आटा ग्लूटेन-मुक्त, लो-कार्ब और फाइबर से भरपूर होता है। इसमें जरूरी मिनरल्स, एंटी ऑक्सीडेंट और मोनोअनसैचुरेटेड फैट की अच्छी मात्रा पाई जाती है।यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहतर है और बेकिंग में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
- ब्राउन राइस का आटा- ब्राउन राइस का आटा ग्लूटेन-फ्री और फाइबर, मैग्नीशियम और विटामिन-बी से भरपूर होता है। यह वजन मेंटेन करने और पाचन शक्ति को सुधारने में मदद करता है। इसे रोटियों को बनाने और स्नैक्स तैयार करने में इस्तेमाल में ला सकते हैं।
- बादाम का आटा- बादाम का आटा प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट से भरपूर होता है। इसलिए ये पाचन क्रिया को सुधारने और वजन को घटाने में सहायक होता है। इसका उपयोग बेकिंग और मिठाइयों में कर सकते हैं।
- कुट्टू का आटा- कुट्टू का आटा भी ग्लूटेन-फ्री होता है जो फाइबर, एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। यह एनर्जी देता है और व्रत के दौरान भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
इन ऑप्शन को अपनाकर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
यह भी पढ़ें: चाय का मजा दोगुना कर देंगे क्रिस्पी नमकपारे, इस आसान रेसिपी से करें तैयार