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कई व्यंजनों का स्वाद बढ़ाती है Kasuri Methi, क्या आप जानते हैं पड़ोसी देश पाकिस्तान से जुड़ा इसका कनेक्शन

हम सभी ने कभी न कभी कसूरी मेथी का स्वाद चखा होगा। आमतौर पर लोगों का यह मानना है कि मेथी के पत्तों को सुखाकर कसूरी मेथी बनाई जाती है। हालांकि यह एक मिथक है। असल में कसूरी मेथी पाकिस्तान के कसूर में उगाई जाने वाली मेथी को कसूरी मेथी कहा जाता है। आइए शेफ कुणाल कपूर से जानते हैं क्या है इसका दिलचस्प इतिहास-

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Sat, 02 Mar 2024 06:40 PM (IST)
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क्या आप जानते हैं कसूरी मेथी का इतिहास
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बात अगर खानपान की हो, तो हमारे देश भारत का जिक्र जरूर किया जाता है। यहां कई ऐसे व्यंजन मिलते हैं, जिनका स्वाद चखने दूर-दूर से लोग भारत आते हैं। इतना ही भारत के इन व्यंजनों की लोकप्रियता इस कदर बढ़ चुकी हैं, तो विदेशों में भी इनका स्वाद चखने को मिल जाता है। यहां के हर व्यंजन की अपनी अलग खासियत और अलग स्वाद है, जिन्हें बनाने के लिए विभिन्न मसालों और सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है।

कसूरी मेथी इन्हीं खास सामग्रियों में से एक है, जिसे भारत और पाकिस्तान में मुख्य रूप से विभिन्न व्यंजनों को बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर लोगों का मानना है कि मेथी की पत्तों को सुखाकर कसूरी मेथी तैयार की जाती है। हालांकि, सच इसके बिल्कुल अलग है। आइए आज इस आर्टिकल में जानते हैं क्या है कसूरी मेथी और इसका इतिहास-

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क्या है कसूरी मेथी?

हाल ही में मशहूर शेफ कुणाल कपूर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर कर कसूरी मेथी की असल कहानी बताई है। शेफ ने बताया कि यह एक आम मिथक है कि सूखे मेथी के पत्तों को कसूरी मेथी कहा जाता है, लेकिन बहुत कम लोगों को ही यह पता है कि इसका वास्तव में क्या मतलब है। असल में कसूरी मेथी सीधे तौर पर कसूर की मेथी है। दरअसल, कसूर पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र का एक शहर है, जो सूफी बुल्ले शाह का विश्राम स्थल भी है। इस क्षेत्र में उगाई जाने वाली मेथी को कसौरी मेथी या कसूरी मेथी के कहा जाता है।

कसूरी मेथी का इतिहास

यह उस समय की सर्वश्रेष्ठ मेथी में से एक थी और इसलिए कसूर क्षेत्र की मेथी चाहे वह सूखी हो या ताजी, कसौरी मेथी या कसूरी मेथी के नाम से जानी जाती थी। हालांकि, साल 1947 में भारत के बंटवारे के बाद यह मेथी भारत के पंजाब के मलेरकोटला और पाकिस्तान की सीमा से लगे राजस्थान क्षेत्र में उगाई गई। इसी मेथी को असल में कसूरी मेथी कहा जाता है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में मेथी की कई किस्में उगाई जा रही हैं और इसलिए पाकिस्तान की मूल कसूरी मेथी का स्वाद भारत में उगाई जाने वाली कसूरी मेथी से थोड़ा अलग होता है।

भारत में मेथी का उत्पादन

वर्तमान में मेथी भारत के अन्य क्षेत्रों जैसे गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में व्यापक रूप से उगाई जाती है। हालांकि, राजस्थान भारत में मेथी का सबसे अधिक उत्पादक है और भारत दुनिया में मेथी का सबसे अधिक उत्पादक है। कसूर क्षेत्र सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा था और तब से लेकर अब तक गजनवीद से लेकर इंडो ग्रीक, मुगल, सिख से लेकर ब्रिटिश और कई अन्य साम्राज्यों के प्रभाव में रहा है। मेथी का इस्तेमाल भारतीय उपमहाद्वीप में 3000 साल पूर्व से होता आया है। यहां कई अन्य प्राचीन सभ्यताएं जैसे ग्रीक, मिस्र और रोमन लोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल करने के लिए जाने जाते हैं।

इन व्यंजनों में इस्तेमाल होती है मेथी

भारत में मेथी के बीज, मेथी के पत्ते (सूखे और ताजे) और मेथी पाउडर का इस्तेमाल विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है। मेथी के बीज और मेथी पाउडर अचार, विशेष रूप से कच्चे आम के अचार में जरूरी हैं। मेथी के पत्तों का पाउडर कुछ लोकप्रिय उत्तर भारतीय व्यंजनों में एक आवश्यक सामग्री है। कसूरी मेथी के इस्तेमाल से तैयार होने वाले कुछ लोकप्रिय व्यंजनों में तंदूरी चिकन, चिकन टिक्का, बटर चिकन, पनीर मखनी, दाल मखनी, कढ़ाई पनीर, छोले मसाला, मीट मसाला आदि शामिल हैं।

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Picture Courtesy: Freepik