ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने के लिए असरदार हैं 3 योगासन, नहीं होगी सुन्नपन और ऐंठन की तकलीफ
शरीर के बेहतर कामकाज के लिए ब्लड सर्कुलेशन का दुरुस्त होना बेहद जरूरी है। ब्लड हमारे शरीर के हर हिस्से में जाता है और इसकी कोशिकाओं को पोषण और ऑक्सीजन देने का काम करता है। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में आपको कुछ ऐसे योगासन (Yoga poses to improve blood circulation) बताते हैं जिनकी मदद से ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाकर ढेरों बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। ब्लड सर्कुलेशन (blood circulation) के धीमा होने पर शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, जिससे कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके शुरुआती संकेतों के तौर पर आपको थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और पाचन से जुड़ी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं, लेकिन ध्यान न देने पर यह दिक्कतें गंभीर रूप लेकर सेहत के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती हैं। ऐसे में, आइए इस आर्टिकल में आपको ऐसे 3 योगासन (improve blood circulation with yoga) के बारे में जानकारी देते हैं, जिनकी मदद से ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है और शरीर को बीमारियों का घर बनने से बचाया जा सकता है।
1) कपालभाति
कपालभाति एक शक्तिशाली प्राणायाम है जो शरीर और मन दोनों को कई तरह से फायदा पहुंचाता है। इसे करते समय, आपको अपनी पीठ को सीधा करके बैठना है और आंखें बंद कर लेनी हैं। इसके बाद अपनी हथेलियों को घुटनों पर रखें और सामान्य से थोड़ा तेजी से सांस छोड़ें। इस दौरान, आप अपने पेट को अंदर की ओर खींचते हुए महसूस करेंगे।
इस योगासन की मदद से आप शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बना सकते हैं। इससे पाचन तंत्र को भी मजबूती मिलती है और मांसपेशियां एक्टिव होती हैं। इसके अलावा कपालभाति नासिका मार्ग को भी साफ करता है और छाती में होने वाली रुकावट को भी दूर करने में मदद करता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है, जिससे आपकी स्किन और हेयर भी हेल्दी होते हैं। इसके अलावा चिंता और तनाव से छुटकारा दिलाने में भी कपालभाति बेहद असरदार है। इसकी रेगुलर प्रैक्टिस से बॉडी से एक्स्ट्रा फैट को कम करने में भी काफी मदद मिलती है।
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2) पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन की मदद से भी आप ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाकर शरीर और मन दोनों को शांत कर सकते हैं। इसे करने के लिए आपको जमीन पर बैठकर अपने पैरों को सीधा आगे की ओर फैलाना है। फिर सांस छोड़ते हुए अपनी कमर से आगे की ओर झुकें और अपने हाथों से अपने पैरों के अंगूठों को पकड़ने की कोशिश करें। जितना हो सके, अपने सिर को घुटनों तक ले जाने की कोशिश करें। ऐसे में, आप महसूस करेंगे कि आपकी जांघों, पीठ और गर्दन में खिंचाव पैदा हो रहा है।
इस योगासन की मदद से रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाकर पीठ दर्द को कम किया जा सकता है। साथ ही, शरीर में ब्लड फ्लो को बेहतर करके डाइजेशन को भी दुरुस्त कर सकते हैं। इस योगासन को आप सुबह खाली पेट या फिर शाम को भोजन के कम से कम 3 घंटे बाद कर सकते हैं। नियमित तौर पर इसे करने से फिजिकल और मेंटल हेल्थ को काफी फायदा हो सकता है।