Breast Cancer: ब्रेस्ट कैंसर को लेकर सामने आई चौंकाने वाली स्टडी, एक्सपर्ट से जानें इसके बारे में सबकुछ
Breast Cancer ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाले कैंसर का सबसे आम प्रकार है। इतना ही नहीं यह दुनियाभर में महिलाओं की मौत का एक प्रमुख कारण भी है। हाल ही में एम्स की तरफ से इसे लेकर एक स्टडी भी की गई जिसके चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। ऐसे में ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में जानने के लिए हमने एक्सपर्ट से बात की।
By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Thu, 24 Aug 2023 01:50 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Breast Cancer: कैंसर दुनियाभर में होने वाली मौतों का सबसे प्रमुख कारण है। यह एक गंभीर बीमारी है, जो सही इलाज न मिलने पर जानलेवा तक साबित हो सकती है। शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाले कैंसर को उन्हीं के नामों से जाना जाता है। ब्रेस्ट कैंसर इस गंभीर बीमारी का सबसे आम, लेकिन गंभीर प्रकार है। यह दुनियाभर में होने वाली महिलाओं की मौत का प्रमुख कारण है।
इसी क्रम में हाल ही में एम्स दिल्ली ने ब्रेस्ट कैंसर को लेकर की गई एक स्टडी के चौंकाने वाले आंकड़े शेयर करे हैं। एम्स द्वारा एकत्र किए गए इन आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं में स्तन कैंसर और पुरुषों में फेफड़ों का कैंसर दिल्ली में दर्ज किए जाने वाले सबसे आम प्रकार के कैंसर हैं। डॉक्टर्स ने यह भी बताया है कि स्तन कैंसर के 30% मामले 40 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में पाए जाते हैं।
क्या कहती है स्टडी
आंकड़ों के मुताबिक, 2015 में 1 लाख लोगों में से अनुमानित 35 महिलाओं को स्तन कैंसर था, जबकि 17 पुरुषों को फेफड़ों का कैंसर था। इस आंकड़े में सात वर्षों में स्तन कैंसर के मामलों में 35.9% की वृद्धि देखी गई, जो 2,657 से 3,611 हो गए। ब्रेस्ट कैंसर को लेकर सामने इस चौंकाने वाले आंकड़ों को लेकर हमने कैंसर के इस गंभीर प्रकार के बारे में विस्तार से जानने के लिए बिड़ला फर्टिलिटी और आईवीएफ की सलाहकार डॉ. राखी गोयल और गुरूग्राम के मेदांता कैंसर इंस्टीट्यूट के ब्रेस्ट कैंसर, ब्रेस्ट सर्जरी के वरिष्ठ निदेशक डॉ. राजीव अग्रवाल से बातचीत की।स्तन कैंसर के बारे में बात करते हुए डॉ. राखी गोयल कहती हैं कि कैंसर का यह प्रकार दोनों लिंगों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, महिलाओं में इसके विकसित होने का खतरा ज्यादा होता है। महिलाओं में ब्रेस्ट सेल्स लंबे समय तक लगातार अंडाशय द्वारा बनाए गए फीमेल हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के संपर्क में रहते हैं, जिससे उनमें स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।दुनियाभर में स्तन कैंसर लाखों महिलाओं को प्रभावित करता है। इसकी कुछ मुख्य वजहों में पारिवारिक इतिहास, रेडिएशन के संपर्क में आना, मोटापा, शराब का सेवन आदि हैं। उम्र के साथ महिलाओं में इस दूसरे सबसे आम कैंसर का खतरा बढ़ता जाता है। ऐसा माना जाता है कि 5% से 10% तक स्तन कैंसर के मामले जेनेटिक होते हैं। साथ ही जिन महिलाओं के ब्रेस्ट टिशू डेंस होते हैं, तो उन्हें इस कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।
ब्रेस्ट कैंसर के मुख्य कारण
महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा अधिक होने के कई मुख्य कारण हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक पारिवारिक इतिहास है। जिन महिलाओं के परिवार में इस बीमारी का इतिहास रहा है, उनमें स्तन कैंसर विकसित होने की संभावना ज्यादा होती है। साथ ही अगर किसी महिला में विशेष जीन डिफेक्ट जैसे बीआरसीए1 या बीआरसीए2 है, तो उसमें भी स्तन कैंसर होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है। स्तन कैंसर के लिए एक और महत्वपूर्ण जोखिम कारक उम्र है। ब्रेस्ट कैंसर के अन्य कारण निम्न हैं-
- 12 साल की उम्र से पहले आपके पीरियड्स शुरू होना
- अधिक उम्र में मेनोपॉज होना
- आपका पहला बच्चा अधिक उम्र में होना
- कभी गर्भवती न होना
- मेनोपॉज के बाद हार्मोनल थेरेपी
- शराब का सेवन
- फिजिकल एक्टिविटी की कमी
- अत्यधिक वजन बढ़ना
- ओवेरियन कैंसर की पर्सनल हिस्ट्री
- प्रेग्नेंसी का समय
- कांट्रासेप्टिव गोलियां
- हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी
- रेडिएशन थेरेपी
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के बारे में डॉक्टर बताते हैं कि स्तन कैंसर में स्टेज के आधार पर विभिन्न प्रकार के लक्षण हो सकते हैं। इसके कुछ लक्षणों में ब्रेस्ट में गांठ, ब्रेस्ट के आकार और स्वरूप में बदलाव, आकार में बदलाव, रेडनेस, निपल के स्वरूप में बदलाव, निपल से फ्यूइड या खून का डिस्चार्ज और ब्रेस्ट में दर्द शामिल हैं। वहीं, ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के बारे में डॉक्टर अग्रवाल बताते हैं कि रिसर्च से पता चलता है कि लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। इनमें निम्न चीजें शामिल हैं-- शराब को सीमित करना
- स्वस्थ वजन बनाए रखना
- शारीरिक रूप से एक्टिव रहना
- हार्मोनल थेरेपी या कांट्रासेप्टिव्स से परहेज
- ब्रेस्टफीड कराना
- धूम्रपान से बचना
- बैलेंस्ड डाइट