दीवाली की रोशनी के बाद इन चार तरह के लोगों पर छा सकते हैं बीमारियों के बादल, सेहत को लेकर होना पड़ सकता है परेशान
दीवाली रोशनी का त्योहार है लेकिन पटाखों के इस्तेमाल से होने वाला प्रदूषण इस खुशी पर ग्रहण लगा देता है। दीवाली के बाद स्मॉग का बढ़ना बीते कुछ सालों से आम बात हो गई है। ऐसे में इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि किन लोगों के लिए ये प्रदूषण मुसीबत (Diwali Health Risks) की वजह बन सकता है और सेहत से जुड़ी समस्याओं का शिकार बना सकता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Diwali Health Risks: दिवाली का त्योहार खुशियों का त्योहार है, लेकिन पटाखों का धुआं इस त्योहार को जहरीला बना देता है। दीवाली के बाद शहरों में छाया स्मॉग, न सिर्फ हमारी सेहत के लिए खतरा है बल्कि हमारे पर्यावरण के लिए भी। बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग इस प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। सांस की बीमारियों, आंखों में जलन और त्वचा संबंधी समस्याओं में इजाफा हो जाता है। ऐसे में, आइए इस आर्टिकल में आपको विस्तार से बताते हैं कि दीवाली के बाद किन लोगों को सेहत से जुड़ी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।
बच्चे
स्मॉग बच्चों के लिए जहर की तरह है। उनके नाजुक फेफड़ों के विकास के दौरान स्मॉग का संपर्क बहुत हानिकारक होता है। बच्चों के बाहर खेलने की आदत के कारण वे स्मॉग के सबसे ज्यादा शिकार होते हैं। इससे न केवल अस्थमा, बल्कि निमोनिया और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज जैसे गंभीर फेफड़ों की बीमारियां भी हो सकती हैं।यह भी पढ़ें- पटाखों से दूर ही रहें Asthma के मरीज, घुटने लगेगा दम, आ सकता है अस्थमा अटैक
ज्यादातर रहते हैं बाहर
बाहर काम करने वाले लोगों को वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा नुकसान होता है। वे आसानी से बीमार पड़ जाते हैं और उनकी सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से फेफड़ों की बीमारियां हो सकती हैं, जैसे कि सीओपीडी। आंखों में जलन, लाल होना और सूखापन भी आम समस्याएं हैं। दीवाली के बाद कुछ लोगों को गले में खराश और आवाज बैठने की समस्या भी हो सकती है।