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Diabetic Eyes Tips: डायबिटीज़ में ऐसे रखना चाहिए आंखों का ख्याल, वरना जा सकती है रोशनी

Diabetic Eyes Tips डायबिटीज़ आपकी आंखों की सेहत को भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। जिससे आंखें धुंधली होने के साथ अंधेपन का ख़तरा भी हो सकता है। इसके पीछे का कारण है हाई ब्लड शुगर का स्तर जिससे आंखों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Fri, 16 Dec 2022 12:06 PM (IST)
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Diabetic Eyes Tips: डायबिटीज़ में ब्लड शुगर बढ़ने से जा सकती है आंखों की रोशनी
नई दिल्ली, रूही परवेज़। Diabetic Eyes Tips: अगर आपके परिवार में कोई डायबिटीज़ से जूझ रहा है, तो आप जानते होंगे कि ब्लड शुगर के स्तर को बनाए रखना कितना मुश्किल होता है। ब्लड शुगर स्तर, HbA1c, लिपिड स्तर और ब्लड प्रेशर पर नज़र रखने के साथ इन्हें कंट्रोल में रखना भी ज़रूरी है ताकि दृष्टि हानि, दिल के रोग और किडनी की बीमारी से लंबे समय तक बच कर रहा जा सके।

डायबिटीज़ की वजह से आंखों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंच सकता है, जिससे दृष्टि हानि या अंधापन हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हाई ब्लड शुगर का स्तर आंख के सबसे नाज़ुक ऊतकों में केशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। हाई ब्लड शुगर के कारण रेटिना को होने वाला नुकसान की वजह से हमेशा के लिए आंखों की रोशनी जा सकती है।

पीबीएमए के एच.वी. देसाई आई हॉस्पिटल एन ऑर्बिस पार्टनर हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर, डॉ. कुलदीप डोले का कहना है कि अगर ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल कर रखा जाए, तो इससे आंखों को नुकसान होने से बचाया जा सकता है। तो आइए जानें डायबिटीज़ में आखों को बचाने के लिए क्या किया जा सकता है।

1. ब्लड शुगर के स्तर पर नज़र रखें

जब ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता है, तो नाज़ुक रक्त वाहिकाएं जो आंखों के सबसे नाज़ुक क्षेत्रों को पोषण देती हैं, अक्सर सबसे पहले नुकसान इन्ही को पहुंचता है। ब्लड शुगर का उच्च स्तर विशेषतौर से रेटिना को नुकसान पहुंचाता है। कई प्रकाश-संवेदनशील कोशिकाएं वहां होती हैं, जिससे आंखें ऑप्टिक तंत्रिका के माध्यम से मस्तिष्क तक दृश्य सूचना को पहुंचाने का काम करती हैं। जब ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता है, तो रेटिना तक रक्त पहुंचाने वाली वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है। इसी की वजह से धंधला दिखने लगता है, जो अस्थायी या स्थायी हो सकता है। डायबिटिक रेटिनोपैथी, ग्लॉकोमा और मोतियाबिंद, आंखों से जुड़ी तीन समस्याएं हैं, जो डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों में काफी आम होती हैं। अगर इसका निदान समय से हो जाए, तो जटिलताओं से बचा जा सकता है।

2. स्मोक करना छोड़ें

स्मोकिंग शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाने का काम करती है। खासतौर पर अगर आप डायबिटीज़ से जूझ रहे हैं तो। स्मोकिंग, शरीर में नसों, धमनियों और कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है, जिसमें डायबिटीज़ से संबंधित आंखों की क्षति भी शामिल है। अगर आप स्मोक करते हैं, तो इस आदत से छुटकारा पाने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

3. एक्सरसाइज़ को लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं

जिस तरह स्मोक या शराब का सेवन पूरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है, ठीक उसी तरह एक्सरसाइज़ करना आपके पूरे शरीर को फायदा करेगा। इसलिए शरीर की मूवमेंट रखना ज़रूरी है। दिन के खाने के बाद घर में ही 10-15 मिनट वॉक कर लें। सुबह जल्दी उठकर व्यायाम की आदत डालें। अगर आप रोज़ाना एक्सरसाइज़ करेंगे, तो इससे ब्लड शुगर का स्तर कम रहेगा और डायबिटीक आई का ख़तरा भी कम होगा।

4. हेल्दी डाइट पर फोकस करें

आपने यह कई बार सुना या पढ़ा होगा कि आप जो खाएंगे, आपका शरीर वैसा ही बनेगा। स्वस्थ खाना आपकी आंखों को भी हेल्दी रखता है। एक संतुलित डाइट लें, जिससे आपके शरीर को सभी ज़रूर पोषक तत्व मिलें और आप डायबीटिक आईज़ से बच सकें। विटामिन-ए, सी, ई, बीटा-कैरोटीन, लूटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, ज़िंक और ज़ीज़ानथिन इनमें शामिल हैं। हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, सालमन, टूना या मैकरेल जैसी वास युक्त मछलियां, अखरोट और बादाम जैसे नट्स, बीन्स, दालें और मशरूम जैसे फूड्स को डाइट में शामिल करना चाहिए। डायबिटीज़ में सबसे ज़रूरी है कि ऐसे फूड्स ही खाएं जिनका ग्लायसेमिक इंडेक्स कम हो, जिससे ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल में रहे।

5. हर साल कराएं डाइलेटेड आई टेस्ट

कम से कम साल में एक बार अपने नेत्र-विशेषज्ञ से फुल डाइलेटेड आई एक्ज़ाम ज़रूर करवाएं, ताकि यह सुनिश्चित हो जाए कि ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के आपके प्रयास आपकी आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर रहे हैं। आपके डॉक्टर मोतियाबिंद, ग्लॉकोमा और डायबिटिक रेटिनोपैथी के लिए टेस्ट करें। जैसी ही आपकी आंखें फैलती हैं, आपकी पुतलियां बढ़ जाती हैं, जिससे आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ रेटिना, मैक्युला और ऑप्टिक तंत्रिका की जांच करीब से कर पाते हैं। डायबिटिक रेटिनोपैथी के शुरुआती लक्षणों के प्रकट होने से पहले ही आपका डॉक्टर इन संवेदनशील ऊतकों को देख कर ही इसकी शुरुआती स्टेज की पहचान कर सकता है।

साथ ही आंख की सेहत से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या को शुरुआती स्टेज में ही पकड़ा जा सकता है, अगर आप नियमित रूप से चेक अप करवाते हैं।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik