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60 Above Workout Tips: 60 के ऊपर है उम्र तो बिल्कुल न करें ये 5 एक्सरसाइज़

60 Above Workout Tips 60 की उम्र के बाद चोट के जोखिम को कम करने के लिए वर्कआउट में बदलाव ज़रूरी हो जाते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो 60 के बाद इन 5 एक्सरसाइज़ को नहीं करना चाहिए।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 08:30 AM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 09:13 AM (IST)
60 के ऊपर है उम्र तो बिल्कुल न करें ये 5 एक्सरसाइज़

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Workout Tips: ज़िंदगी में ऐसा पड़ाव भी आता है जब इंसान को न सिर्फ अपनी डाइट पर ज़्यादा ध्यान देना पड़ता है, बल्कि वर्कआउट रुटीन को भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। वक्त के साथ कैलोरी के सेवन को कम करने की ज़रूरत होती है, साथ ही व्यायाम के अपने रुटीन में भी बदलाव करने होते हैं। 60 की उम्र के बाद मसल मास और हड्डी घनत्व घटने लगता है - हर साल 4.5 पाउंड।

इसलिए 60 की उम्र के बाद चोट के जोखिम को कम करने के लिए वर्कआउट में बदलाव ज़रूरी हो जाते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो 60 के बाद इन 5 एक्सरसाइज़ को नहीं करना चाहिए।

एब्डोमिनल क्रंचेज़

60 के होने के बावजूद अपने कोर पर काम करना ज़रूरी है, हालांकि, एब्डोमिनल क्रंचेज़ आपको फायदा नहीं पहुंचाएंगे। यह कसरत रीढ़ और पीठ पर दबाव डाल सकती है, जिसकी वजह से चोट लग सकती है। उम्र के साथ, रीढ़ की हड्डी का लचीलापन प्रभावित होता है, जिसकी वजह से लोगों को फर्श पर व्यायाम करने में कठिनाई आती है।

लंबी दूरी तक दौड़ लगाना

दौड़ना फिटनेस बनाए रखने और तेज़ी से कैलोरी बर्न करने के बेस्ट तरीका है। हालांकि, उम्र बढ़ने पर हर सुबह दौड़ने से बचना चाहिए, फिर भले ही आप अपनी जवानी में स्प्रिंटर क्यों न रहे हों। ऐसा करने से जोड़ों पर असर पड़ सकता है, फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है और हड्डियों से जुड़ी अन्य समस्यां भी हो सकती हैं। यही वजह है कि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि 60 के बाद वॉक या फिर हल्की जॉगिंग ही करनी चाहिए।

हाई इंटेनसिटी ट्रेनिंग

इसमें वज़न घटाने की प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए तेज़ गति से सर्किट में व्यायाम करना होता है। इस कसरत में कार्डियो, जंपिंग, किकबॉक्सिंग और बहुत कुछ शामिल है, जो 60 से ज़्यादा की उम्र वाले लोगों के लिए जोखिम भरा हो सकता है।

गर्दन और सिर के पीछे वज़न रखना

गर्दन से जुड़ी चोटें 60 की उम्र के बाद आम होती हैं। इसलिए एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि गर्दन और सिर से जुड़ी वेट ट्रेनिंग न की जाए। इससे कंधे भी चोटिल हो सकते हैं, जिसकी रिकवरी लंबी खिंच सकती हैं।

वेट्स का ज़्यादा इस्तेमाल करना

कम उम्र में ट्रनिंग के दौरान वेट्स को धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है, हालांकि, उम्र बढ़ने पर उल्टा करना चाहिए यानी वज़न कम करना शुरू करना चाहिए, ताकि हड्डी टूटने या खिसकने का जोखिम कम हो।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।


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