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Diabetes Myths and Facts: एक्सपर्ट से जानें डायबिटीज से जुड़े 5 आम मिथक और उनके पीछे की सच्चाई

Diabetes Myths and Facts डायबिटीज एक ऐसी समस्या है जिससे आज बड़े-बूढ़े ही नहीं बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं। इस बीमारी को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रम हैं जिनके बारे में जानना जरूरी है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Tue, 10 Jan 2023 02:54 PM (IST)
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Diabetes Myths and Facts: एक्सपर्ट से जानें डायबिटीज से जुड़े 5 आम मिथक और उनके पीछे की सच्चाई
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Diabetes Myths and Facts: डायबिटीज से आज भारत में लगभग 7.7 करोड़ (77 मिलियन) लोग प्रभावित हैं। इतनी ज्यादा संख्या होने के बाद भी, इस बीमारी से कई सारे मिथक जुड़े हुए हैं, जिसकी वजह से डायबिटीज के बारे में आधी-अधूरी या गलत जानकारी है। जिसकी वजह से उसे सही तरह से मैनेज करने में परेशानी होती है। इन आधी-अधूरी जानकारी को बेहतर तरीके से समझना जरूरी है, जिससे डायबिटीज से पीड़ित लोगों और उनके केयरगिवर्स को इस क्रॉनिक बीमारी की एक स्पष्ट तस्वीर मिल सके। साथ ही वे ये जान सकें कि अपनी सेहत की सही देखभाल कैसे कर सकते हैं।

डॉ. अनिल भंसाली, डायरेक्टर, गिनी हेल्थ, मोहाली का कहना है, “भारत की लगभग तीन चौथाई डायबिटीज आबादी के ब्लड ग्लूकोज का लेवल अनियंत्रित है और उनमें से आधे लोगों का ब्लड प्रेशर भी खराब रहता है। इसके अलावा, इनमें से एक तिहाई लोगों में कोलेस्ट्रॉल और लिपिड का भी स्तर बढ़ा हुआ पाया गया। जिसकी वजहें हैं- इस बीमारी में सही तरीके से देखभाल ना करना, डॉक्टर के पास ना जाना और लंबे समय तक डायबिटीज की सही तरीके से देखभाल ना करने के दुष्परिणामों की जानकारी ना होना।”

अभिजीत पेडनेकर, मेडिकल मामलों के निदेशक, एबॅट इंडिया का कहना है, “डायबिटीज का प्रबंधन लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। इसमें अपने भोजन और जीवनशैली में बदलाव करना, बताई गई दवाइयां लेना और नियमित रूप से ग्लूकोज को मॉनिटर करना शामिल है। ये सारी चीजें मिलकर व्‍यक्ति की डायबिटीज का प्रबंधन करने में मदद कर सकती हैं। ग्लूकोज लेवल का सही नियंत्रण करके लोग सेहतमंद जिंदगी जी सकते हैं।”

यहां डायबिटीज से जुड़े पांच मिथकों के तथ्यों के बारे में जानकारी दी गई है:

मिथक1: शक्‍कर/चीनी ही डायबिटीज का कारण बनती है

तथ्य: डायबिटीज एक जटिल बीमारी है, जिससे कई सारे कारक जुड़े हुए हैं। उनमें ओवरवेट या मोटापा होना, सुस्‍त जीवनशैली जीना, सेहतमंद भोजन ना करना और ऐसे ही कई कारक शामिल हैं। इसके साथ इस बीमारी से आनुवांशिक कारक भी जुड़े हैं जैसे डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री होना। डायबिटीज से पीड़ित लोगों को अक्सर अपनी शक्‍कर की मात्रा को नियंत्रित रखने की सलाह दी जाती है, लेकिन सिर्फ बहुत ज्‍यादा शक्‍कर खाने से ही डायबिटीज नहीं होती है। फिर भी शक्‍कर की मात्रा को लेकर सतर्क रहना चाहिए। संतुलन सबसे जरूरी है। अत्यधिक शक्‍कर वाले भोजन का अर्थ है हाई कैलोरी वाला खाना, जिससे वजन बढ़ सकता है और डायबिटीज होने के आपके जोखिम को बढ़ा सकता है। कुल मिलाकर, सही संतुलन पाने के लिए कम से कम ग्लाइसेमिक इंडेक्‍स वाले और साथ ही उच्च फाइबर वाले विकल्प चुनने की कोशिश करें।

मिथक 2: डायबिटीज का इलाज संभव है।

तथ्य: बहुत ही कम मामलों में डायबिटीज पूरी तरह से ठीक होता है, ज्यादातर मामलों में एक बार डायबिटीज होने के बाद, यह ताउम्र बनी रहने वाली बीमारी होती है। लेकिन डायबिटीज के साथ जीना उतना मुश्किल नहीं है। कई ऐसे तरीके हैं, जिसकी मदद से इस बीमारी का प्रभावी तरीके से प्रबंधन किया जा सकता है, साथ ही साथ ग्लूकोज के स्तर की निगरानी की जा सकती है। डायबिटीज के साथ लोग अपनी जिंदगी का भरपूर आनंद ले सकते हैं। किस तरह से डायबिटीज का प्रबंधन किया जाए, इस बारे में डॉक्टर से चर्चा करके, लोग अपने ग्लूकोज के लक्षित स्तर तक पहुंच सकते हैं और सही स्वास्थ्य बनाए रख सकते हैं।

मिथक 3: डायबिटीज केवल शरीर के ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित करता है।

तथ्य: डायबिटीज एक क्रॉनिक समस्या है, जो शरीर द्वारा ब्लड शुगर के इस्तेमाल के तरीके को प्रभावित करता है। हालांकि, डायबिटीज, ग्लूकोज लेवल से कहीं ज्यादा शरीर को प्रभावित करता है। रिसर्च बताते हैं कि यह समस्या-खासकर जब यह अनियंत्रित होती है तो इससे हृदय रोग, आंख, किडनी, नसों या पैर से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए डायबिटीज का सही समय पर प्रबंधन और भी जरूरी हो जाता है। साथ ही डायबिटीज से जुड़े लोगों को यह सलाह दी जाती है कि नियमित रूप से अपना चेक-अप कराएं और अपनी संपूर्ण सेहत पर नजर रखें, जिससे समस्याओं की पहचान की जा सके और सही तरीके से उनका उपचार किया जा सके।

मिथक 4: डायबिटीज के कुछ प्रकार अन्य के मुकाबले ज्यादा हल्के होते हैं।

तथ्य: हालांकि, डायबिटीज की अलग-अलग कैटेगरी होती हैं, जैसे टाइप1 और टाइप 2 और जेस्टेशनल (गर्भावस्था के दौरान), लेकिन इन्हें हल्के या गंभीर के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता। हर प्रकार की डायबिटीज में, अनियंत्रित मामले गंभीर और लंबे समय तक चलने वाली समस्याएं पैदा कर सकते हैं। इन सबके बावजूद डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति, डायबिटीज का सही प्रबंधन करके एक सेहतमंद जिंदगी जी सकता है, भले ही उसका प्रकार कोई भी हो।

मिथक 5: केवल भोजन और जीवनशैली में बदलाव करके ही डायबिटीज की पूरी देखभाल की जा सकती है।

तथ्य: आपके ब्लड ग्लूकोज लेवल को बढ़ाने वाले कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन कम करते हुए और एक सेहतमंद फिटनेस रूटीन को अपनाना डायबिटीज के प्रबंधन के लिए प्रमुख कदम हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति के लिए इस समस्या का पूर्ण प्रबंधन करने के लिए केवल यही चीजें पर्याप्त होंगी।

इस स्थिति के बारे में तथ्‍यों को अच्‍छी तरह से समझकर, इसकी देखभाल करने के सफर को थोड़ा आसान बनाया जा सकता है। व्यक्तिगत रूप से क्या चीज सबसे बेहतर होगी, उसे समझना और डॉक्टरों के साथ मिलकर काम करना, अहम है। इससे लोग अपनी डायबिटीज का सही तरीके से प्रबंधन कर पाएंगे।

Pic credit- freepik

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