Intermittent Fasting से जुड़ी 5 बातें हैं सफेद झूठ, अगर आप भी करते हैं यकीन तो हो जाएं सावधान!
अनहेल्दी लाइफस्टाइल में कई लोग मोटापे (Obesity) से परेशान हैं ऐसे में तेजी से वजन घटाने (Weight Loss) के लिए अगर आप भी इंटरमिटेंट फास्टिंग का सहारा लेते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। यहां हम आपको इसके कुछ ऐसे मिथक (Myths About Intermittent Fasting) बताने जा रहे हैं जिन पर भरोसा करना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Intermittent Fasting Myths: मॉडर्न लाइफस्टाइल में इंटरमिटेंट फास्टिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है। तेजी से वजन घटाने के आज लोग सिर्फ वर्कआउट ही नहीं, बल्कि इस तरह की डाइट पर भी काफी निर्भर हो गए हैं। ऐसे में, तेजी से प्रचलित हो रही इस डाइट को लेकर सोशल मीडिया पर भी तरह-तरह के दावे देखने को मिलते हैं, जिन पर कई लोग आंख मूंदकर यकीन करने की गलती भी कर लेते हैं। अधूरी जानकारी के साथ बनाए गए रील और पोस्ट देखकर अगर आप भी इंटरमिटेंट फास्टिंग से जुड़े कुछ मिथकों को सच मान रहे हैं, तो आइए आपको इसकी सच्चाई से रूबरू कराते हैं।
ब्रेकफास्ट स्किप करना
इंटरमिटेंट फास्टिंग में खाने का विंडो आप खुद से चुन सकते हैं। ऐसे में, अगर आप 16:8 विंडो में इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हैं, और लगभग 6 बजे जल्दी डिनर कर लेते हैं, तो आप अपना फास्टिंग विंडो तुरंत शुरू कर सकते हैं और सुबह 10 बजे तक ब्रेकफास्ट भी कर सकते हैं। हालांकि, ज्यादातर लोग ब्रेकफास्ट स्किप करने का विंडो चुनते हैं जो कि एक मिथक से ज्यादा और कुछ नहीं है।हर कोई कर सकता है इंटरमिटेंट फास्टिंग
अगर आप भी ऐसा मानते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग सभी के लिए है, तो यह भी एक बड़ा मिथक है। डायबिटीक, ईटिंग डिसऑर्डर से ग्रसित, अंडरवेट, छोटे बच्चे, टीनएजर्स, ब्रेस्टफीडिंग या प्रेग्नेंट महिलाओं को इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करने की सलाह दी जाती है।यह भी पढ़ें- 5 लोग जिन्हें भूलकर भी नहीं खाना चाहिए टमाटर, वरना झेलने पड़ सकते हैं बड़े नुकसान
मेटाबोलिज्म को स्लो करती है इंटरमिटेंट फास्टिंग
कई लोग मानते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है, जबकि सच्चाई इसके उलट है। बता दें, इंटरमिटेंट फास्टिंग मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करती है। इस तरह की फास्टिंग के दौरान कई हार्मोनल बदलाव होते हैं जो मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने में मदद करते हैं।