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Probiotics Tips: 5 प्रोबायोटिक फूड्स जो गर्मी में रखेंगे आपकी पेट की सेहत का ख़्याल

Probiotics Tips तापमान बढ़ने से आमतौर पर पेट से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। जिसका असर हमारी भूख पर भी पड़ता है। समय पर सही आहार न लेने और दूसरी समस्याएं शुरू हो सकती हैं। यही वजह है कि इस मौसम में प्रोबायोटिक लेने की सालह दी जाती है।

By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Tue, 05 Apr 2022 10:05 AM (IST)
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Probiotics Tips: जानें 5 बेस्ट प्रोबायोटिक फूड्स के बारे में

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Probiotics Tips: गर्मी के मौसम में कम भूख लगना, पाचन ख़राब होना या पेट से जुड़ी अन्य बीमारियां आम हैं। इसलिए इस गर्म मौसम में हमें अपने पेट का खास ख्याल रखने की ज़रूरत होती है। कई हेल्थ एक्सपर्ट्स इस दौरान प्रोबायोटिक्स के सेवन की सलाह देते हैं। प्रोबायोटिक को पेट की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।

प्रोबायोटिक को फंक्शनल फूड्स भी कहा जाता है। यह बड़ी आंत में बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं, जो नुकसान से इसे बचाता है। पेट में 'अच्छे बैक्टीरिया' की एक विस्तृत और विविध संख्या होने के कारण, एलर्जी और संवेदनशीलता को कम करने, प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करने, सूजन को कम करने, पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाने और कई और फायदे पहुंचाने में मददगार साबित होता है।

तो अपनी आंत की सेहत को बढ़ावा देने के लिए इन 5 प्रोबायोटिक फूड्स का सेवन कर सकते हैं।

कोम्बुचा

जी हां, ये वही ट्रेंडी ड्रिंक है जिसे आप इंस्टाग्राम पर दिन-रात देखते हैं। कोम्बुचा में प्रोबायोटिक्स की अत्यधिक मात्रा होती है। यह स्वस्थ पेय हरी और काली चाय के मिश्रण से बनाया गया है, जिसे SCOBY (बैक्टीरिया और खमीर की सहजीवी कॉलोनी) की मदद से फर्मेंट किया जाता है। इसका मतलब है कि यह एंटीऑक्सिडेंट से भी भरपूर होते हैं, जो मुक्त कणों से लड़ते हैं।

मीसो

मिसो एक जापानी पेस्ट है, जिसे सोयाबीन से बनाया जाता है। इसे कोजी नामक मोल्ड के साथ फर्मेंट किया जाता है। अन्य सभी फर्मेंटेड खाद्य पदार्थों की तरह, मिसो एक स्वस्थ आंत को बढ़ावा देता है। यह मैंगनीज, तांबा और जस्ता जैसे पोषक तत्वों का भी एक बहुत अच्छा स्रोत है, जो हमारे ऊर्जा स्तर और मस्तिष्क स्वास्थ्य में मदद कर सकता है।

दही

दही तब बनता है, जब बैक्टीरिया दूध में लैक्टोज़ को लैक्टिक एसिड में बदल देते हैं, लेकिन आपके स्टोर में बिकने वाले सभी योगर्ट एक जैसे नहीं होते। कुछ योगर्ट्स में 28 ग्राम तक चीनी हो सकती है। इसलिए एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसा योगर्ट खरीदें जो सादा और नॉन-फैट ग्रीक योगर्ट हो, जिसमें बिल्कुल भी चीनी न हो। आप इसे मीठा बनाने के लिए इसमें शहद, फल या फिर पीनट बटर मिला सकते हैं।

टेम्पेह

यह टोफू के परिवार से ही आता है। इन दोनों का इस्तेमाल मांस की जगह किया जा सकता है। लेकिन टोफू फर्मेन्टेड नहीं होता, जबकि टेम्पेह में पूरे सोयाबीन होते हैं, जो फर्मेन्टेशन से गुज़रते हैं। टेम्पेह में मांस जितने गुण होते हैं। यह प्लांट बेस्ड प्रोटीन का बेहतरीन स्त्रोत है।

केफिर

जब फर्मेन्टेशन को बढ़ावा देने के लिए दूध में केफिर के दाने डाले जाते हैं, तो केफिर बनता है। केफिर में एक मलाईदार स्थिरता होती है, जो इसे आपकी सुबह की स्मूदी के लिए एक आदर्श सामग्री बनाता है। आप इसका इस्तेमाल पीनट बटर डिप या फिर पास्ता में भी कर सकते हैं। यह अमीनो एसिड ट्रिप्टोफैन से भरपूर होता है, जो हमारे सेरोटोनिन को प्रज्वलित करता है , एक न्यूरोट्रांसमीटर जो हमारे मूड और नींद को प्रभावित करता है।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।