नींद के इंतजार में आप भी रातभर बदलते हैं करवट, तो सुकून से सोने के लिए करें ये 5 योगासन
नींद न आने की समस्या आजकल काफी आम हो गई है। इसके पीछे बहुत बड़ी वजह हमारी लाइफस्टाइल और डाइट है। इस परेशानी की वजह से सेहत को काफी नुकसान हो सकता है। इसलिए नींद न आने की समस्या से लड़ने के लिए योग करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। आइए जानें अच्छी नींद लेने में मददगार योगासनों (Yoga for Sleep) के बारे में।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Yoga for Good Sleep: स्वस्थ रहने के लिए हेल्दी डाइट के साथ-साथ सुकून भरी नींद लेना भी जरूरी है। लेकिन हमारी लाइफस्टाइल कुछ ऐसी हो गई है कि हमारी रात की नींदें उड़ गई हैं। कई लोग तो नींद के इंतजार में रातभर बस करवटें बदलते रहते हैं, लेकिन निर्दयी नींद उनका दरवाजा नहीं खटखटकाती। इस समस्या को इनसोम्निया कहा जाता है। इसमें व्यक्ति को रात में नींद नहीं आती। इसके कारण स्वास्थ्य पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
नींद पूरी न होने के कारण दिल से जुड़ी बीमारियां, डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि हम रोज कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें। लेकिन अगर आपके साथ भी नींद न आने की समस्या हो रही है, तो आप योग की मदद ले सकते हैं। कुछ ऐसे योगासन हैं, जो सुकून की नींद लेने में आपकी मदद कर सकते हैं। आइए जानें अच्छी नींद के लिए योगासन (Yoga for Sleep)।
विपरिता करणी (Legs Up the Wall Pose)
इस योगासन को करने के लिए आपको अपने घर की किसी भी दीवार के पास लेट जाना है और उसी दीवार के सहारे अपने दोनों पैरों को ऊपर की ओर उठाएं। इस आसन में कुछ मिनटों के लिए रहें और फिर सीधे हो जाएं। इस आसन को करते समय अपनी बॉडी को रिलैक्स करना न भूलें। इसके अलावा, इस आसन से ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है और थकान दूर होती है।यह भी पढ़ें: गर्मियों में रोजाना सुबह पिएं सत्तू का शरबत, सेहत को मिलेंगे हैरान करने वाले फायदे
शवासन (Corpse Pose)
शवासन यानी शव की तरह लेट जाना। किसी समतल जगह पर सीधे लेट जाएं और अपनी बॉडी को बिल्कुल ढीला छोड़ दें और बिल्कुल रिलैक्स हो जाएं। इस दौरान लंबी और गहरी सांसे लें। इससे आपके हार्ट का तनाव कम होता है और थकान भी मिटती है।(Picture Courtesy: Freepik)
सुप्त बद्ध कोणासन (Reclined Butterfly Pose)
इस आसन को करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेट जाएं और अपने पैरों को मोड़ें। कोशिश करें कि आपकी एड़ियां आपकी टेल बोन के पास हो। अब अपने हाथों के सहारे धीरे-धीरे अपने आगे के शरीर को उठाएं। इस दौरान पेट को जमीन से न उठाएं। इससे आपकी स्पाइन फ्लेक्सिबल होगी, पीठ का दर्द ठीक होता है और हिप्स का तनाव भी कम होता है।