लैंसेट की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आधी से ज्यादा आबादी है फिजिकली अनफिट
लैंसेट की हालिया स्टडी में कहा गया है कि भारत की आधे से ज्यादा आबादी फिजिकली अनफिट है और WHO की जरूरी गाइडलाइन्स का पालन नहीं करते। स्टडी में यह भी बताया गया है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा अनफिट हैं। जो और भी चौंकाने वाली बात है। रिपोर्ट के अनुसार साल 2000 से 2022 के बीच लगभग 197 देशों के लोगों पर यह स्टडी की गई थी।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। फिजिकल एक्टिविटी को लेकर भारतीय लोग काफी आलसी है, ऐसा हम नहीं, बल्कि लैंसेट की रिपोर्ट का दावा है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2000 से 2022 के दौरान लगभग 197 देशों पर यह स्टडी की गई थी। 2022 में जहां 38.4% पुरुष, तो वहीं 52.6% महिलाएं फिजिकली इनएक्टिव थीं। ये चौंकाने वाली रिपोर्ट है। शारीरिक गतिविधि न के बराबर होना कई गंभीर बीमारियों को दावत देना है।
फिजिकली इनएक्टिव की परिभाषा
WHO के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति पूरे हफ्ते 150 मिनट से भी कम और कोई टीनएजर 60 मिनट से कम फिजिकल एक्टिविटी करता है, तो इसका मतलब वो फिजिकल इनएक्टिव है। WHO के मुताबिक, वयस्कों को हफ्ते में कम से कम 150 से 300 मिनट की एक्टिविटी जरूर करनी चाहिए। अगर आप बॉडी को हेल्दी बनाए रखने के लिए किसी भी तरह की कोई एक्सरसाइज नहीं करते, तो इससे मोटापा, डायबिटीज, दिल की बीमारियों, कैंसर, स्ट्रोक, डिप्रेशन जैसी कई गंभीर बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ा जाता है।
क्या कहती है रिपोर्ट
WHO के निर्देशानुसार फिजिकली एक्टिविटी न करने वालों में भारत 195 देशों की लिस्ट में 12वें नंबर पर है। सबसे ज्यादा फिजिकली इनएक्टिव लोग एशिया-प्रशांत रीजन और दक्षिण एशिया में हैं। इसके लिए पर्यावरण, नींद की कमी, काम के पैटर्न जैसी कई चीजों को जिम्मेदार बताया गया है।ये भी पढ़ेंः- पाना चाहते हैं अवसाद और घबराहट से छुटकारा, तो फॉलो करें ये आसान टिप्स
इनएक्टिव लाइफस्टाइल के पीछे की वजहें
- वर्किंग प्रोफेशनल्स काम के लंबे घंटे और ट्रैवलिंग के वजह से फिटनेस पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते।
- शहर में लगातार होते डेवलपमेंट के चलते घर छोटे होते जा रहे हैं और आसपास भी इतनी जगह ही नहीं, जहां एक्सरसाइज की जा सके।
- लोगों को मोबाइल, टीवी की ऐसी लत लग चुकी है कि वो इसके आगे फिटनेस को इग्नोर कर देते हैं।