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सेहत और इम्यूनिटी के लिए यूनानी पद्धति है सबसे महत्वपूर्ण - अब्दुल मजीद

अब्दुल मजीद ने कहा कि हमारा उद्देश्य यह रहा है कि स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम करें। हमारे पूर्वजों ने जामिया-हमदर्द यूनिवर्सिटी हमदर्द मेडिकल कॉलेज स्थापित किये ताकि शिक्षा को बढ़ावा मिल सके क्योंकि शिक्षा और स्वास्थ दो ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारत अभी पीछे है।

By Umanath SinghEdited By: Updated: Sat, 19 Dec 2020 06:45 PM (IST)
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शिक्षा और स्वास्थ दो ऐसे क्षेत्र हैं, जहां भारत अभी पीछे है और इस पर काम करने की जरूरत है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। सर्दी अपने पूरे शबाब पर है और महामारी भी जारी है, लेकिन इस समय जो चीज सबसे ज्यादा जरूरी है वह यह है कि आप अपनी सेहत का खास ख्याल रखें। इसमें इम्यूनिटी की बहुत बड़ी भूमिका है। बात जब इम्यूनिटी की हो तो Hamdard और उसके प्रोडक्ट को कौन भूल सकता है। इसलिए आज हमारे साथ एक ऐसी शख्सियत मौजूद हैं, जिन्होंने अपनी फैमिली बिजनेस को न केवल भारत में फैलाया, बल्कि विदेशों तक भी ले गये। ये शख्सियत हैं हमदर्द लेबोरिटीज लिमिटेड (मेडिसिन डिवीजन) के चेयरमेन और मैनेजिंग ट्रस्टी अब्दुल मजीद। इन्होंने हमारे साथ अपनी कंपनी Hamdard, युनानी मेडिसिन, शिक्षा और वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तार से बातचीत की।

प्रश्न - Hamdard कंपनी भारतीय बाजारों में सालों से है। किस तरह से इसने ब्रांड ट्रस्ट और लैगेसी को बरकरार रखा है?    

उत्तर - जैसे आपने कहा, हम Covid-19 के प्रकोप से गुजर रहे हैं और जिस तरह से भारत सरकार आयुष पद्धति को बढ़ावा दे रही है। ऐसे समय में युनानी पद्धति की भूमिका और भी ज्यादा महत्वपूर्ण और प्रासंगिक हो जाती है। मुझे विश्वास है कि युनानी मेडिसिन में बहुत सारे ऐसे प्रोडक्ट्स हैं, जो हमारी इम्यूनिटी और सेहत पर काम करते हैं। अब हमारे ऊपर है कि हम किस तरह से उपभोक्ता के पास इन प्रोडक्ट्स को ले जाते हैं। साथ ही हमें यह भी सिद्ध करना है कि युनानी पद्धति वैज्ञानिक रूप से सही मेडिसिन है। यही आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती है।

प्रश्न - आपकी कंपनी के प्रोडक्ट्स हेल्थ और इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग करने के लिए जाने जाते हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए किस तरह की R&D की हम उम्मीद कर सकते हैं, क्योंकि उपभोक्ताओं की मांग काफी बढ़ गई है?

उत्तर -जैसे मैने आपको बताया कि युनानी के अंदर बहुत सारी मेडिसिन है जैसे- उन्नाब, अमलतास, तुलसी आदि। इसी टाइप की मेडिसिन को देखते हुए हमने Joshina ब्रांड बनाया। Covid-19 आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम से संबंधित है, क्योंकि ये आपके नाक व गले को प्रभावित करता है और फेफड़े तक जाता है। हमने प्रोडक्ट को रजिस्टर और पेटेंट करवाया। मुझे लगता है कि वैज्ञानिक तरीके से युनानी पद्धति को प्रूफ करना यह हमारी इंडस्ट्री के लिए सबसे बड़ी चुनौती रहेगी। हमारी R&D भी इसी दिशा में काम कर रही है कि किस तरह से इन प्रोडक्ट्स को मॉडर्न साइंटिफिक सिस्टम के ऊपर इनका क्लिनिकल ट्रायल करवाया जाए, ताकि हम आधुनिक युग में इन प्रोडक्ट्स को दोबारा रिपॉजिशन कर सकें। लेकिन हमारी इंडस्ट्री के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि हम R&D से दूर हैं।

प्रश्न - एक युनानी कंपनी होते हुए हर साल Hamdard कई नए मुकाम हासिल करती है। 2021 के लिए आपके क्या प्लान है?

उत्तर - काफी सालों से युनानी पद्धति का भारत में होना युनानी सिस्टम के लिए बड़े गर्व की बात है। हम इंडिजिनियस सिस्टम ऑफ मेडिसिन बनाते हैं,  क्योंकि इंडिया एक ऐसा देश है, जिसने हर सिस्टम के मेडिसिन को अपनाया है और हमारे कस्टमर ने उसे इस्तेमाल भी किया किया है तथा उसका फायदा भी उठाया है। हालांकि ये बात मैं इंडस्ट्री की तरफ से नहीं बोल रहा हूं, लेकिन इंडस्ट्री के लोग मेरी से सहमत होंगे कि भविष्य में या अगले 5 सालों में हमारी इंडस्ट्री में क्वालिटी वाली जड़ी बूटियों की कमी होगी। इसकी वजह से प्रोडक्ट की गुणवत्ता और प्रभावोत्पादकता पर असर पड़ेगा। अब मुझे नहीं पता कि इंडस्ट्री क्या करती है, लेकिन Hamdard के बारे में यह कहा जाता है कि अगर हमें अपनी क्वालिटी की दवा नहीं मिलेगी या जड़ी बूटी नहीं मिलेगी तो हम वो प्रोडक्ट नहीं बनाते। भविष्य में सबसे बड़ी चुनौती प्रोडक्ट के स्टैंडर्ड को लेकर होगी। आप आंवला, तुलसी या फिर गिलोय ले लीजिए, जिसका आजकल बहुत ही ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है। मैं आपको बता दूं कि इंडस्ट्री के लोगों को क्वालिटी वाली तुलसी, आंवला, और गिलोय के बारे जानकारी ही नहीं हैं। जो हमारे पुरखों ने करना था वो तो कर दिया, मेरे ख्याल से अब हमारा दायित्व है कि इस पद्धति को कैसे शुद्ध और सही तरीके से सहेज कर रखें। क्रूड हर्ब की खेती एक बड़ी भूमिका निभा सकती है और Hamdard ने इसकी खेती बहुत पहले से ही शुरू कर दिया है। हमने दिल्ली के एक गांव में 20 एकड़ कृषि की भूमि खरीद ली है, जिस क्वालिटी की तुलसी और गिलोय चाहिए हम वो उगाते हैं और अपने प्रोडक्ट में इस्तेमाल करते हैं।       

प्रश्न - इतने सालों में आपने कई कर्मचारियों के साथ काम किया है। एक कंपनी के लिए कौन सी वेल्यू सबसे ऊपर होती है, जब आप किसी नये कर्मचारी को कंपनी से जोड़ते हैं?

उत्तर - खास तौर पर जब नई जेनरेशन कंपनी में आती है, तो उन्हें सबसे पहली बात पता होनी चाहिए कि हम चैरिटेबल ट्रस्ट हैं। हम यहां युनानी पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए हैं, ताकि हम भारत निर्माण में मदद कर सकें। हमारा उद्देश्य यह रहा है कि स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम करें। हमारे पूर्वजों ने जामिया-हमदर्द यूनिवर्सिटी, हमदर्द मेडिकल कॉलेज स्थापित किये, ताकि शिक्षा को बढ़ावा मिल सके, क्योंकि शिक्षा और स्वास्थ दो ऐसे क्षेत्र हैं, जहां भारत अभी पीछे है और इस पर काम करने की जरूरत है। इसके अलावा, कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी और नई जेनरेशन को युनानी पद्धति से परिचय कराना और उन्हें प्रेरित करना हमारा कर्तव्य भी है, ताकि वे हमारे विजन और मिशन को अच्छी तरह से समझ सकें।

प्रश्न- Covid-19 को देखते हुए वर्तमान परिस्थिति से कैसे सामना करें?

उत्तर - आपने बहुत अच्छा और प्रासंगिक सवाल पूछा है। जैसा कि हम जानते हैं कि Covid-19 के केस बढ़ रहे हैं, लेकिन उसमें सबसे अच्छी बात यह है कि इस वायरस का प्रभाव कुछ कम होता दिखाई दे रहा है। मेरे ख्याल से इसका मुख्य श्रेय आयुष को जाता है, क्योंकि अब जो इस महामारी से बीमारी हो रहे हैं उनकी हालत ज्यादा गंभीर नहीं है, जब तक कि मरीज किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित न हो। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप बिलकुल रिलैक्स हो जाएं। इस समय आप अपने रेस्पिरेटरी सिस्टम को सही रखें, क्योंकि यह समय ऐसा है जहां डेंगू और चिकनगुनिया की बीमारी भी होती है, इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि आप सुरक्षित रहें और ढिलाई न बरतें। सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है कि आप युवानी प्रोडक्ट का इस्तेमाल जारी रखें और अपने आपको सुरक्षित रखें। इस बात का भी ध्यान दें कि अगर वैक्सीन आ भी जाती है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप मास्क लगाना छोड़ दें या हाथ धोना छोड़ दें। आपको यह हमेशा जारी रखना होगा।

प्रश्न - कई सालों का एक्सपीरियंस आपके पास है। आप उन युवा उद्यमियों को क्या सीख देंगे, जो हेल्थ खासकर युनानी के बिजनेस में आना चाहते हैं?

उत्तर -  जैसा कि मैने आपको बताया है कि इस इंडस्ट्री की कुछ चुनौतियां हैं- जैसे गुणवत्ता और R&D। व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि जब आप इस इंडस्ट्री मे प्रवेश करते तो आप केवल पैसे बनाने के लिए ना आएं। पैसा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है। इसमें लैगेसी और क्वालिटी महत्वपूर्ण है, जो Hamdard शुरू से जोर देती रही है। मेरे विचार से हमें कंज्यूमर को ध्यान में रखकर प्रोडक्ट बनाना चाहिए, क्योंकि कंज्यूमर वो होते हैं, जो अच्छा और सस्ता प्रोडक्ट चाहते हैं और यह देना हमारा कर्तव्य है। क्योंकि मार्केट में लोग सस्ती चीजों को महंगा बनाकर बेच रहे हैं। तो मैं नये उद्यमियों को यह सुझाव दूंगा कि अगर आप किसी इंडस्ट्री में जाते हैं, तो आपको उस इंडस्ट्री के प्रति सच्चा बनके रहना होगा। इसके अलावा उस इंडस्ट्री के विकास के लिए भी आपको काम करना होगा।

प्रश्न - Hamdard इंडिया ने कई तरह की पहल की शुरुआत की है, कंपनी उसपर कैसे खरी उतरेगी और अब तक का क्या प्रोग्रेस है?

उत्तर - मुझे लगता है कि जो हमारे मौजूदा प्रोडक्ट हैं, वे बहुत ही अच्छे प्रोडक्ट हैं। इसके पीछे इनकी 100 सालों की लैगेसी है। युनानी में दो या चार ऐसे ब्रांड हैं, जो च्यवनप्राश को टक्कर दे सकते हैं। हम उन ब्रांड पर काम कर रहे हैं। अगले साल हम कोशिश कर रहे हैं कि सॉफ्टवेयर और डिजिटाइजेशन को लेकर आएं, ताकि हम ट्रैक कर सकें कि हमारे युनानी प्रोडक्ट की संभावनाएं क्या हैं। क्योंकि बाकी इंडस्ट्री का डाटा आपको मिल जाता है, लेकिन युनानी का डाटा मिलना मुश्किल होता है। इसलिए मुझे लगता है कि हमें सेल्स नेटवर्क और अपने चैनल पार्टनर को प्रशिक्षित करना और अपने विजन और मिशन से अलाइन कराना बहुत ही जरूरी है। अगले साल के लिए हमारी बुनियादी दृष्टिकोण यही है कि हम सेल्स नेटवर्क को सही से और प्रोफेशनल तरीके से स्थापित करें, ताकि ये प्रोडक्ट जहां तक पहुंचनी चाहिए, वहां तक पहुंचे। क्योंकि काफी लोग ई-कॉमर्स से जुड़ रहे हैं और वहां से हमें पता चलता है कि इन प्रोडक्ट की मांग उत्तर के अलावा दक्षिण भारत के छोटे-छोटे शहरों से भी है। इसके अलावा, हम इस चीज पर भी काम कर रहे हैं कि कौन से प्रोडक्ट की क्षमता ज्यादा है, R&D का क्या रोल होना चाहिए, सेल्स और मार्केटिंग की क्या भूमिका है। हम अपनी सुविधाओं को भी और बेहतर कर रहे हैं। यह भी हम ध्यान दे रहे हैं कि हर्ब हम खुद ही उगाएं। ये सभी चीजें लागू होने के बाद जो लाभ होगा उससे हम दूसरे क्षेत्र और शिक्षण संस्थाओं के लिए काम करेंगे।   

Note- The copy above is based on the video interview done with Mr. Abdul Majeed of Hamdard