Air Pollution: क्या वायु प्रदूषण बन सकता है हार्ट अटैक की वजह, जानें क्या है एक्सपर्ट का कहना
बढ़ते प्रदूषण ने सभी के लिए सांस लेना दुश्वार कर दिया है। इसकी वजह से न सिर्फ हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है बल्कि यह आपके दिल के लिए भी उतना ही घातक है। लेकिन क्या प्रदूषण इतना जानलेवा है कि यह हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है? यह पता करने के लिए हमने बात की हेल्थ एस्पर्ट से।
By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Mon, 06 Nov 2023 01:30 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Air Pollution: वायु प्रदूषण से आपके फेफड़ों पर क्या असर होता है, इससे आप सभी वाकिफ हैं लेकिन, क्या आपको पता है कि यह आपके दिल के लिए भी उतना ही घातक हो सकता है? प्रदूषण इस लेवल तक जा चुका है कि दिल्ली शहर अब दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की श्रेणी में आ गया है।
इस जहरीली हवा में सांस लेने की वजह से आपके भीतर गए प्रदूषक, हार्ट अटैक का कारण भी बन सकते हैं। इस बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए हमने फोर्टिस अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के निर्देशक डॉ. संजय कुमार से बात की।
कैसे प्रदूषण बन सकता है हार्ट अटैक की वजह ?
डॉ. संजय कुमार ने कहा कि वायु प्रदूषण के मुख्य कारण PM 2.5, PM10, ओजोन नाइट्रिक ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड हैं। हाल ही में, डबल्युएचओ (WHO) और सीडीसी (CDC), यूएसए ने एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला कि वायु प्रदूषण हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाता है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह PM 2.5 का बढ़ता स्तर पाया गया है। PM 2.5 का सामान्य स्तर 10 होता है, लेकिन भारत में यह 100-500 के बीच पाया जाता है। बढ़ता हुआ प्रदूषण कितना खतरनाक है, यह इस बात से समझा जा सकता है कि प्रति मीटर 10 माइक्रो ग्राम PM 2.5 बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा 10% तक बढ़ जाता है।WHO के शोध में यह पाया गया है कि वायु प्रदूषण बढ़ने से हाइपरटेंशन और डायबिटीज होने का जोखिम भी बढ़ जाता है, जो हार्ट फेलियर और कार्डियक अरेस्ट का कारण बनने की सबसे बड़ी वजहे हैं।यह भी पढ़ें: मांसपेशियों में दर्द हो सकता है विटामिन-डी की कमी का संकेत, ये फूड्स करेंगे कमी को दूर
इससे यह बात साफ हो जाती है कि वायु प्रदूषण दिल की बीमारियों की बड़ी वजह बनता जा रहा है। प्रदूषण के दुष्प्रभावों को बिल्कुल खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके असर को कम जरूर किया जा सकता है। चलिए जानते हैं कि कैसे प्रदूषण के प्रकोप से खुद की बचाया जा सकता है।
- PM 2.5 बहुत ही बारिक होते हैं, जिनसे सर्जिकल मास्क या कपड़े का मास्क नहीं बचा सकता है। इसलिए इनका प्रयोग न करें। इनकी जगह N95 मास्क का इस्तेमाल करें। इसका इस्तेमाल करने से आप PM 2.5 से 95 प्रतिशत तक अपनी रक्षा कर सकते हैं।
- हेपा फिल्टर का इस्तेमाल प्रदूषण को काफी हद तक कम कर देता है। इसलिए अपने घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें, जिनमें हेपा फिल्टर लगे हों।
- बेवजह बाहर न जाएं, अपने घर में ही रहें। बढ़ते प्रदूषण की वजह से बिना किसी कारण बाहर जाना खतरनाक हो सकता है। इसलिए कोशिश करें कि अभी कहीं बाहर घूमने न जाएं। जब जरूरत हो तभी बाहर निकलें।
- बाहर एक्सरसाइज न करें। वॉक करने, रनिंग करने या योग करने के लिए बाहर न जाएं। अपने घर में ही एक्सरसाइज करें। प्रदूषण में बाहर एक्सरसाइज करना फायदे से ज्यादा नुकसान करेगा।