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Heart Attack: वायु प्रदूषण से बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा, जानें किसे ज्यादा जोखिम और कैसे करें इससे बचाव

Heart Attack इन दिनों लोग तेजी से दिल की बीमारी का शिकार होते जा रहे हैं। लाइफस्टाइल में होने वाले बदलाव इसकी एक मुख्य वजह है। इसके अलावा वायु प्रदूषण भी हार्ट डिजीज का एक प्रमुख कारक है। हाल के दिनों में दिल के दौरे के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखी गई है। ऐसे में जानते हैं इसकी वजह और इससे बचने के उपाय-

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Thu, 05 Oct 2023 11:16 AM (IST)
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हार्ट अटैक की वजह बनता है वायु प्रदूषण
 नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Heart Attack: बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों में बदलाव इन दिनों लोगों को कई समस्याओं का शिकार बना रही है। दिल की बीमारी इन्हीं समस्याओं में से एक है, जिससे इन दिनों कई सारे लोग परेशान हैं। हाल के दिनों में दिल के दौरे के मामलों में काफी वृद्धि देखी गई है। हार्ट अटैक एक मेडिकल इमरजेंसी है, जिसमें खून का थक्का दिल में ब्लड फ्लो को रोक देता है और हार्ट के टिशूज में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।

WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार, साल 2016 में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (CVD) से अनुमानित 17.9 मिलियन लोगों की मौत हुई, जो दुनियाभर में हुई सभी मौतों का 31% है। इनमें से 85% मौतें दिल का दौरा और स्ट्रोक के कारण हुईं। दिल के दौरे के लिए कई सारे कारक जिम्मेदार होते हैं, जिनमें से एक वायु प्रदूषण भी है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि वायु प्रदूषण दिल के दौरे, स्ट्रोक और इर्रेगुलर हार्ट रिथम को ट्रिगर कर सकता है। आइए जानते हैं कैसे वायु प्रदूषण हार्ट अटैक की वजह बनता है और कैसे इससे बचा जा सकता है।

क्यों खतरनाक है वायु प्रदूषण?

लगातार बढ़ते प्रदूषण का असर हमारी सेहत पर भी पड़ने लगा है। हार्ट फेलियर के मामलों में वायु प्रदूषण दिल की खून को पंप करने की क्षमता को और कम कर सकता है। इन प्रभावों को ट्रिगर करने के लिए प्रदूषण के बेहद छोटे कण बड़ी चिंता का विषय है, जो साफ दिखने वाली हवा में धुंध, धुएं और धूल के रूप में पाया जाता है।

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किन लोगों को है ज्यादा खतरा?

वायु प्रदूषण की वजह से हार्ट अटैक का खतरा कई लोगों को होता है। इनमें बुजुर्ग लोग और हृदय रोग या स्ट्रोक के जोखिम कारकों वाले लोगों को खतरा ज्यादा हो सकता है। इसके अलावा दिल का दौरा, एनजाइना, बाईपास सर्जरी, स्टेंट के साथ या उसके बिना एंजियोप्लास्टी, स्ट्रोक, गर्दन या पैर की आर्टरीज में रुकावट, हार्ट फेलियर, डायबिटीज या क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज वाले वालों को ज्यादा खतरा होता है। इसके अलावा निम्न लोगों को भी जोखिम अधिक होता है।

  • अगर आप 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पुरुष हैं या 55 वर्ष या उससे अधिक उम्र की महिला हैं, तो आप पर खतरा ज्यादा है।
  • आपके परिवार में स्ट्रोक या अर्ली हार्ट डिजीज का इतिहास है। इसके अलावा अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो भी आप पर हाई रिस्क है।
  • अगर आपका वजन अधिक है या आप शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं और अगर आप सिगरेट पीते हैं।

सुरक्षित रहने के लिए अपनाएं ये टिप्स-

  • यदि आपको दिल की बीमारी है या आपने स्ट्रोक का अनुभव किया है, तो वायु प्रदूषण से बचने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लें।
  • अगर आपको हृदय रोग या स्ट्रोक का खतरा है और आप एक्सरसाइज आदि करने की योजना बना रहे हैं, तो पहले अपने डॉक्टर से बात जरूर करें।
  • दिल को सेहतमंद रखने के लिए संतुलित और सही आहार लें।
  • अपनी लाइफस्टाइल में उचित बदलाव करने से भी हार्ट अटैक से बचा जा सकता है।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik