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स्मोकिंग से भी ज्यादा खतरनाक है वायु प्रदूषण, दुनियाभर में बना स्ट्रोक का दूसरा सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर

पिछले कुछ समय से वायु प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर चिंता काफी बढ़ गई है। इसकी वजह से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं लोगों को अपना शिकार बना रही है। ऐसे में अब हाल ही में इसे लेकर एक डराने वाली स्टडी सामने आई है। इस स्टडी में पता चला कि वायु प्रदूषण दुनियाभर में स्ट्रोक (Stroke Risk Factor) का दूसरा सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर बन चुका है।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Fri, 27 Sep 2024 04:05 PM (IST)
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स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है वायु प्रदूषण (Picture Credit- Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण (Air Pollution) दुनियाभर में चिंता का विषय बना हुआ है और इसे लेकर पूरी दुनिया में कई सारे उपाय किए जा रहे हैं। इसकी वजह से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती है।इसी बीच अब हाल ही में वायु प्रदूषण और लगातार बढ़ते तापमान को लेकर एक चौंकाने वाली स्टडी सामने आई है। इस स्टडी में यह पता चला कि वायु प्रदूषण और बढ़ता तापमान दुनियाभर में बढ़ते स्ट्रोक के मामलों के प्रमुख कारण में से एक है।

द लांसेट न्यूरोलॉजी जर्नल में पब्लिश एक नई रिपोर्ट में 204 देशों में स्ट्रोक (Stroke Risk Factor) से होने वाली मौतों, कारण, रिस्क फैक्टर्स आदि का आकलन करने के लिए 1990 से 2021 तक के आंकड़ों पर गौर किया गया है। आइए जानते हैं क्या कहता है लांसेट का यह नया अध्ययन-

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क्या कहती है स्टडी?

यह अध्ययन 2021 में प्रकाशित नवीनतम ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (जीबीडी) अध्ययन का विश्लेषण है। इसमें पता चला कि लैटिन अमेरिका, मध्य एशिया और अफ्रीका के साथ दक्षिण एशिया उन जगहों में से एक है, जहां बाहरी वायु प्रदूषण स्ट्रोक से होने वाली मौत और विकलांगताओं के लिए एक हाई रिस्क फैक्टर है। वहीं, पश्चिमी यूरोप या उत्तरी अमेरिका के विपरीत दक्षिण एशिया में घरेलू वायु प्रदूषण की वजह से स्ट्रोक से जुड़ी मौतें और विकलांगताएं ज्यादा है। इन विश्लेषणों से पता चला कि कैसे स्ट्रोक और उनके संबंधित कारण विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग होते हैं।

स्मोकिंग के ज्यादा खतरनाक वायु प्रदूषण

इस अध्ययन से यह भी पता चला कि हाई सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर के बाद वायु प्रदूषण दुनिया भर में स्ट्रोक से संबंधित मौतों और विकलांगताओं के लिए दूसरा सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर था। इस अध्ययन की डराने वाली बात यह है कि स्ट्रोक के लिए धूम्रपान को भी पीछे छोड़ते हुए वायु प्रदूषण दुनियाभर में स्ट्रोक के लिए दूसरा सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर बन गया है। वायु प्रदूषण से स्ट्रोक का खतरा 16.6 प्रतिशत था, जबकि धूम्रपान से इसका खतरा 13.3 प्रतिशत था। अध्ययन में कहा गया कि साल 2021 में दुनिया में कुल 11.9 मिलियन नए स्ट्रोक के मामले सामने आए।

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