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क्यों बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है हवा का लगातार खराब होता स्तर, डॉक्टर ने बताया कैसे रखें उनका ख्याल

दिल्ली-एनसीआर में हवा में स्तर लगातार खराब होता जा रहा है। जहरीली हवा में सांस लेने की वजह सेहत से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं। खासकर बच्चों को इसकी वजह से कई तरह से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में हमने एक्सपर्ट से यह जानने की कोशिश की कि आखिर बच्चों ( Air Pollution Safety Tips For Kids) को क्यों वायु प्रदूषण का खतरा ज्यादा होता है।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Wed, 20 Nov 2024 04:34 PM (IST)
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क्यों बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है वायु प्रदूषण (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण लगातार गंभीर स्तर पर बना हुआ है। दिल्ली-एनसीआर समेत कई इलाकों की हवा बद से बदतर होती जा रही है। ऐसे में हवा में घुलता जहर लोगों की सेहत पर बुरा असर डाल रहा है। वायु प्रदूषण हमारी सेहत को कई तरीके से प्रभावित करता है। इससे रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है और साथ ही अन्य कई समस्याएं भी होने लगती है। खासकर बच्चे (Air Pollution Risks For Children) सबसे ज्यादा इसका शिकार होते हैं। पर्यावरण में मौजूद PM2.5 और PM10 जैसे छोटे पॉल्युशन पार्टिकल्स वयस्को से ज्यादा बच्चों पर ज्यादा बुरा असर डालते हैं।

ऐसे में बिगड़ते हालात में अपने बच्चों (Air Pollution Prevention For Kids) का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। खासकर तब जब उन पर खतरा और लोगों से ज्यादा हो। इस बारे में हमने सीके बिड़ला हॉस्पिटल गुरुग्राम में पीडियाट्रिक्स और नियोनेटोलॉजी की कंसल्टेंट डॉ. श्रेया दुबे से बातचीत की। इस दौरान हमने यह जानने की कोशिश की कि आखिर बच्चों (Air Pollution Safety Tips For Kids) को PM2.5 और PM10 पार्टिकल्स से ज्यादा नुकसान क्यों होता है और कैसे इससे उनका बचाव कर सकते हैं।

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बच्चों को ज्यादा खतरा क्यों है?

डॉक्टर बताती हैं कि PM2.5 और PM10 छोटे प्रदूषक पदार्थ हैं, जो रेस्पिरेटरी सिस्टम में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं, जिससे कई गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। कई कारणों से बच्चे वयस्कों की तुलना में इन प्रदूषकों के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं। उनके फेफड़े अभी भी विकसित हो रहे हैं, जिससे उनके डैमेज होने की ज्यादा संभावना होती है।

इसके अलावा बच्चे वयस्कों की तुलना में तेजी से सांस लेते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनके शरीर में हवा और प्रदूषक ज्यादा मात्रा में पहुंचते हैं। साथ ही बच्चे ज्यादा समय बाहरी एक्टिविटीज में बिताते हैं, इसलिए उनके खराब हवा के संपर्क में आने की संभावना वयस्कों की तुलना में ज्यादा होती है।

वायु प्रदूषण के नुकसान

PM2.5 और PM10 के लंबे समय तक संपर्क में रहने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इतना ही नहीं इसकी वजह से बच्चों के फेफड़ों की कार्यक्षमता भी कम हो सकती है। इससे उनकी पूरी इम्युनिटी मजबूत होती है और कॉग्नेटिव डेवलपमेंट पर भी प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

अपने बच्चे की सुरक्षा कैसे करें?

  • प्रदूषण के स्तर को ट्रैक करने और ज्यादा प्रदूषण वाले दिनों में बच्चों को घर के अंदर रखने के लिए संबंधित एप्स या डिवाइस का इस्तेमाल करें।
  • घर के अंदर की साफ हवा रखने के लिए एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें, खासकर बेडरूम और खेल की जगहों पर।
  • बच्चों को बाहरी एक्टिविटीज के दौरान अच्छी तरह से फिट और सर्टिफाइड मास्क पहनाएं, ताकि वह प्रदूषित हवा से बच सके।
  • बच्चों की इम्युनिटी मजबूत करने के लिए एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर संतुलित आहार को उनरी रूटीन का हिस्सा बनाएं।
  • सबसे ज्यादा प्रदूषण वाले घंटों के दौरान, आमतौर पर सुबह और शाम के समय बच्चों को बाहरी एक्टिविटी करने से बचाएं।
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