Akshaya Tritiya: सिर्फ खूबसूरती ही नहीं बढ़ाती गोल्ड ज्वैलरी बल्कि सेहत को भी पहुंचाती है कई सारे लाभ
Akshaya Tritiya गोल्ड में ऐसे कई गुण हैं जो हमारी बॉडी के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। सोना एक नेचुरल नॉन टॉक्सिंग मिनरल है जिससे हमारी तमाम तरह की सेहत से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। तो आइए विस्तार से जानते हैं इनके बारे में।
By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Sat, 22 Apr 2023 10:31 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Akshaya Tritiya: गोल्ड ज्वैलरी महिलाओं की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करती हैं तभी तो तीज-त्योहारों से लेकर शादी-ब्याह तक में सबसे ज्यादा गोल्ड ज्वैलरी ही पहनी और खरीदी जाती है। पहनने के साथ ही इनवेस्टमेंट के लिहाज से भी सोने की खरीददारी को एक अच्छा ऑप्शन माना जाता है। मान्यता है कि दीपावली और अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना शुभ होता है, लेकिन क्या आप इससे वाकिफ हैं कि सोने के गहने हमारी सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं।
बॉडी टेंप्रेचर को रेगुलेट करता है सोना
गोल्ड में एंटी इंफ्लेमेटरी जैसे गुण पाए जाते हैं। आयुर्वेदाचार्यों का मानना है कि एंटी इंफ्लेमेटरी गुण बॉडी पेन और सूजन को कम करने के लिए बेस्ट हैं और टेम्प्रेचर नॉर्मल रखता है। सोने के आभूषण पहनने से बॉडी में होने वाली प्रॉब्लम्स जैसे ठंडा लगना और अचानक बुखार जैसी प्रॉब्लम कम ही देखने को मिलती हैं।
मेनोपॉज में फायदेमंद
प्योर सोना बॉडी के टेंप्रेचर को तो कंट्रोल करता ही है साथ ही यह भी कहा जाता है कि मेनोपॉज वाली अवस्था में जा रही महिलाएं को भी गोल्ड ज्वैलरी पहनने से बहुत फायदा मिल सकता है।घाव भरता है सोना
गोल्ड का यूज घावों का इलाज में भी किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, सोना घाव पर लगाने से इंफेक्शन रूकता है और जल्दी ठीक भी होता है। इसे भस्म के फॉर्म में ले सकते हैं।
स्किन की क्वॉलिटी में सुधार
ऐसा माना जाता है कि 24 कैरेट को गोल्ड स्किन की क्वालिटी ठीक करने में हेल्प कर सकता है। गोल्ड स्किन को गर्माहट प्रदान करता है इसलिए यह बॉडी सेल्स को फिर से बनाने में भी मदद करता है। सोने का इस्तेमाल स्किन से रिलेटेड प्रॉब्लम्स जैसे- खुजली, फंगल इंफेक्शन, लाल चकत्ते, घाव, जलन आदि से निपटने में भी किया जा सकता है।इम्युनिटी बूस्टर
आयुर्वेद के अनुसार सोना हमारी बॉडी की इम्युनिटी भी बूस्ट करता है। प्योर गोल्ड की ज्वैलरी पहनने से इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग बनता है जिससे कई तरह के इंफेक्शंस होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं।