Alzheimer’s: रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित कर सकता है अल्जाइमर, इन हेल्दी आदतों से कर सकते हैं इसे कंट्रोल
अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है जिससे दिमाग के सेल्स प्रभावित होते हैं। इससे याददाश्त और सोचने-समझने की क्षमता पर काफी प्रभाव पड़ता है। इससे दुनियाभर में लाखों लोग प्रभावित हैं। इसके बारे में हाल ही में एक स्टडी सामने आई है जिसमें अल्जाइमर के खतरे को कम करने में काफी मदद मिल सकती है। जानें क्या पाया गया इस स्टडी में।
By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Thu, 08 Feb 2024 04:51 PM (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Alzheimer's: हाल ही में अल्जाइमर डिजीज से जुड़ी एक स्टडी सामने आई है, जिसमें इसके प्रभाव को कम करने के तरीके के बारे में पता चला है। जामा जर्नल में पब्लिश हुई इस स्टडी में पाया गया कि हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करके न केवल अल्जाइमर के खतरे को कम कर सकते हैं बल्कि, जिन लोगों को अल्जाइमर है, उनमें भी कॉग्नीटिव डिक्लाइन को कम करने में मदद मिल सकती है। एक तरफ जहां अल्जाइमर का कोई इलाज नहीं है, इस स्टडी की मदद से अल्जाइमर के बढ़ते मामलों को कंट्रोल करने में काफी मदद मिल सकती है।
क्या है अल्जाइमर?
अल्जाइमर डिमेंशिया का एक प्रकार है, जो दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है। इस बीमारी में दिमाग के सेल्स धीरे-धीरे कमजोर होने लगते हैं, जिस कारण से याददाश्त कमजोर होने लगती है, सोचने समझने की क्षमता कम हो जाती है, बोलने में तकलीफ होने लगती है, व्यक्ति यह तक ठीक से नहीं समझ पाता है कि उसके आस-पास हो क्या रहा है। इसके लक्षण धीरे-धीरे और गंभीर होते जाते हैं, जिस कारण से व्यक्ति अपने रोज के साधारण कामों को करने में भी असमर्थ हो जाता है।
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क्या है यह स्टडी?
इस स्टडी में 586 लोगों के हेल्थ डाटा का विश्लेषण किया गया, जो 1997 से 2022 तक रश मेमोरी एंड एजिंग प्रोजेक्ट में शामिल हुए थे। इन लोगों का निधन हो चुका था और ऑटोप्सी के दौरान इनके ब्रेन की स्टडी की गई थी। इस स्टडी में लाइफस्टाइल फैक्टर्स, कॉग्नीशन और न्यूरोपैथोलॉजिकल इवेल्यूशन के रिजल्ट्स को शामिल किया गया। इन सभी फैक्टर्स के विश्लेषण के बाद यह पाया गया कि जिस व्यक्ति की लाइफस्टाइल जितनी हेल्दी थी, उसकी कॉग्नीटिव हेल्थ भी उतनी ही बेहतर थी। हेल्दी लाइफस्टाइल अल्जाइमर से लड़ने में सहायता भी करता है क्योंकि जिन अल्जाइमर के मरीजों की लाइफस्टाइल हेल्दी थी, उनमें बीटा-अमाइलॉइड के प्लेग का लेवल भी कम था।
लाइफस्टाइल में क्या बदलाव करने चाहिए?
मेडिटिरेनियन डाइट फॉलो करें
अपनी डाइट में ज्यादातर साबुत अनाज, फल, सब्जियां, फिश, दूध, दही आदि को शामिल करें। इससे कॉग्नीटिव हेल्थ को बेहतर बनाने में काफी मदद मिलती है। इसके अलावा, प्रोसेस्ड फूड्स, ज्यादा शुगर और नमक वाले फूड आइटम्स को अपनी डाइट में शामिल न करें।ब्रेन को एक्टिव रखें
क्रॉस वर्ड पजल, सुडोकू, ऑप्टिकल इल्यूजन, किताबें पढ़ना, जैसी एक्टिविटीज की मदद से आपका ब्रेन एक्टिव रहता है और कॉग्नीटिव फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इसलिए ऐसी एक्टिविटीज को अपने रूटीन का हिस्सा बनाएं।