यूं ही नहीं सुपरफूड्स कहलाते हैं स्प्राउट्स, रोजाना खा लिए तो आप भी नहीं पहचान पाएंगे अपनी निरोगी काया
सीड्स और नट्स फायदे वाली ऐसी चीज है जिन्हें अगर स्प्राउट्स में बदल दिया जाए तो इससे सेहत को कई शानदार फायदे मिलते हैं। स्प्राउट्स में मौजूद विटामिन और मिनरल की मात्रा दुगुनी हो जाती है। ये ढेर सारे फाइटोकेमिकल से भरपूर होते हैं। स्प्राउट काला चना खड़ा मूंग रागी ब्रूसेल स्प्राउट्स आदि के रूप में खाया जा सकता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सीड्स और नट्स फायदे वाली ऐसी चीज है, जिन्हें अगर स्प्राउट्स में बदल दिया जाए, तो इससे सेहत को कई शानदार फायदे मिलते हैं। स्प्राउट्स में मौजूद विटामिन और मिनरल की मात्रा दुगुनी हो जाती है। ये ढेर सारे फाइटोकेमिकल से भरपूर होते हैं। स्प्राउट काला चना, खड़ा मूंग, रागी, ब्रूसेल स्प्राउट्स आदि के रूप में खाया जा सकता है। यह मॉर्निंग ब्रेकफास्ट के लिए एक हेल्दी और ईजी ऑप्शन है। ज्यादातर लोग सलाद के रूप में इसे अपनी डाइट में शामिल करते हैं और कुछ लोग इसे उबाल कर इसका चाट जैसा बना कर भी खाते हैं। आइए जानते हैं स्प्राउट्स खाने के बेहतरीन 5 फायदे-
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न्यूट्रीशनल वैल्यू
नॉन स्प्राउट सीड्स, बींस या नट्स की तुलना में जब इन्हें स्प्राउट कर के खाया जाता है तो तेज़ी से इनका न्यूट्रीशनल वैल्यू बढ़ जाता है। स्प्राउट्स में विटामिन सी, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, आयरन, फोलेट, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक और प्रोटीन की मात्रा दुगुनी से भी अधिक हो जाती है।
पाचन क्रिया
स्प्राउट्स शरीर के कई केमिकल रिएक्शन के साथ पाचन क्रिया को भी दुरुस्त करने में मदद करते हैं।
एजिंग प्रक्रिया
स्प्राउट्स में फाइटोकेमिकल और बायोफ्लेवोनॉयड्स जैसे एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक पाई जाती है। इससे ये एजिंग की प्रक्रिया धीमी करने में मदद करते हैं।
डिटॉक्स
स्प्राउट्स क्लोरोफिल से भरपूर होते हैं। ये ब्लड प्यूरिफाई करने में मदद करता है और सेलुलर लेवल पर डिटॉक्स करता है जिससे इंटरनल क्लींजिंग होती है। आयरन से भरपूर होने के कारण ये एनीमिया से भी बचाव करता है। ये ओमेगा थ्री से भरपूर होता है और साथ ही ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार लाता है जिससे कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ अच्छी बनी रहती है।
वेट लॉस
स्प्राउट्स में फाइबर बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है जिससे लंबे समय तक पेट भरे होने का एहसास होता है और इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है। इससे ये वेट लॉस के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है। ये कब्ज़ से भी राहत दिलाता है।
ये लोग करें परहेज
बच्चे, प्रेग्नेंट महिलाएं या फिर बूढ़े लोगों को कच्चे स्प्राउट्स से अपच की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इनके इम्यून सिस्टम कमजोर होते हैं जिससे फूड बोर्न इल्नेस या फूड पॉइजनिंग जैसी समस्या पैदा होने की संभावना बढ़ी हुई होती है। ऐसे में स्प्राउट्स को उबाल कर इसमें जीरा, अजवाइन और हींग जैसे मसाले मिलाकर खाएं।
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