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सुबह टहलने की आदत दिलाएगी, हाई बीपी से लेकर मोटापा और कोलेस्ट्राल से राहत

टहलना आपके दिल को दुरुस्त रखने में सहायक है। अगर टहलने वक्त कुछ बातों का ध्यान रखें तो इससे मिलने वाले लाभ और भी बढ़ जाते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में...

By Priyanka SinghEdited By: Updated: Thu, 22 Aug 2019 07:00 AM (IST)
सुबह टहलने की आदत दिलाएगी, हाई बीपी से लेकर मोटापा और कोलेस्ट्राल से राहत
टहलने से हाई ब्लड प्रेशर और दिल की जिन बीमारियों के होने का खतरा होता है, वह टल जाता है। जैसे हाई ब्लड प्रेशर , कोरोनरी आर्टरी डिजीज, रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर का बढ़ना आदि। याद रखें, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों के इलाज में दवाओं और समुचित खानपान के साथ टहलना भी इलाज की प्रक्रिया का एक अंग है।कितने समय तक टहलें

जिन लोगों को दिल की बीमारी नहीं है, उन्हें प्रतिदिन सुबह 40 से 45 मिनट तक टहलना चाहिए। वहीं जो लोग दिल की बीमारी से हाल में ग्रस्त हुए हैं, उन्हें 10 से 15 मिनट तक टहलना चाहिए। जैसे-जैसे स्वास्थ्य लाभ होता जाए, वैसे -वैसे टहलने का वक्त बढ़ाना चाहिए।

इस प्रक्रिया पर अमल करें

लोगों को अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही टहलना चाहिए। जब थकान महसूस हो,तो टहलना बंद कर दें। शुरुआती 10 मिनट तक धीमी गति से इत्मीनान से टहलना चाहिए। इसके बाद 20 से 25 मिनट थोड़ा तेज टहलना(ब्रिस्क वॉकिंग) चाहिए। फिर शेष 20 मिनट धीरे-धीरे टहलना चाहिए, जिसे कूल डाउन कंडीशन कहते हैं।

इन बातों पर दें ध्यान

अपने दो-तीन दोस्तों के साथ टहलें। ग्रुप में टहलना सुखद हो जाता है। टहलने का वक्त सुबह बेहतर होता है। प्रदूषित स्थानों पर टहलना नहीं चाहिए, क्योंकि सुबह के वक्त हवा में प्रदूषित कणों की संख्या ज्यादा होती है।

दूर होता है तनाव

तनाव हाई ब्लड प्रेशर वालों और हृदय रोगियों के लिए घातक होता है। इसलिए तनावमुक्त और खुश रहना जरूरी है। टहलने से न्यूरो केमिकल्स जैसे एंडोर्फिन्स निकलता है। यह न्यूरो केमिकल व्यक्ति को प्रसन्न रखने में सहायक है। इस केमिकल के कारण व्यक्ति को अपने बारे में सुखद अनुभूति होती है। यह अनुभूति तनाव और डिप्रेशन को दूर करने में सहायक है।

डॉ. सुनील वानी (हृदय रोग विशेषज्ञ, मुंबई)