Move to Jagran APP

पीपल के पत्तों से करें इन 4 रोगों का उपचार जानिए कैसे करें इस्तेमाल

अगर आपके पैरों या हाथों के बाल टूटकर उसपर घाव होता है तो उसके लिए पीपल बहुत उपयोगी है। बालतोड़ पर पीपल का दूध लगाने से जल्दी ठीक हो जाता है। पीपल की छाल को पानी में घिसकर फोड़े में लगाने से फोड़ा जल्दी ठीक हो जाते हैं।

By Shahina NoorEdited By: Fri, 31 Dec 2021 12:07 PM (IST)
स्किन की समस्याओं का बेहतरीन इलाज हैं पीपल के पत्ते।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। औषधीय गुणों से भरपूर पीपल का पेड़ सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले पेड़ है। पीपल के पेड़ की छाल का इस्तेमाल कई बीमारियों का उपचार करने में किया जाता है। पीपल स्किन की समस्याओं जैसे फोड़े-फुंसी और बालतोड़ जैसी परेशानियों का बेहतरीन उपचार है। पीपल के पत्तों का इस्तेमाल उसका रस निकालकर किया जाए तो गैस और कब्ज की बीमारी का भी उपचार होता है।

पीपल के पत्ते के लगातार चबाने से तनाव दूर होता है और बॉडी हेल्दी रहती है। पीपल के पत्ते को पीसकर एक महीने तक पीने से याददाश्त तेज़ होती है। आइए जानते हैं कि पीपल के पत्तों का इस्तेमाल करने से कौन-कौन सी बीमारियों का उपचार हो सकता है।

बालतोड़ का करता है इलाज:

अगर आपके पैरों या हाथों के बाल टूटकर उसपर घाव होता है तो उसके लिए पीपल बहुत उपयोगी है। बालतोड़ पर पीपल का दूध लगाने से जल्दी ठीक हो जाता है। पीपल की छाल को पानी में घिसकर फोड़े में लगाने से फोड़ा जल्दी ठीक हो जाते हैं।

स्किन की समस्याओं का बेहतरीन इलाज है पीपल:

कुछ लोगों को स्किन की समस्याएं बेहद परेशान करती है ऐसे लोग पीपल की छाल को 20 ग्राम कूटकर 200 ग्राम पानी में उबालें और एक चौथाई रहने पर छानकर सुबह पी लें स्किन की समस्याओं से निजात मिलेगी। दाद, खाज, खुजली में पीपल के पत्तों को खाने से या इसका काढ़ा बनाकर पीने से फायदा होगा।

कब्ज का इलाज करता है:

पीपल के पत्तों का इस्तेमाल कब्ज और गैस की समस्या का उपचार करने में किया जाता है। इसे पित्‍त नाशक भी माना जाता है, इसलिए पेट की समस्याओं में इसका इस्तेमाल बेहद फायदेमंद है।

स्किन में निखार लाता है पीपल:

स्किन की रंगत में निखार लाने के लिए पीपल की छाल बेहद असरदार है। पीपल की छाल या इसके पत्तों का प्रयोग करके स्किन की झुर्रियों को कम किया जा सकता है। 

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।