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एक तरह का ईटिंग डिसऑर्डर है एनोरेक्सिया नर्वोसा, जानें इसके लक्षण और कारण

एनोरेक्सिया नर्वोसा जिसे आप एक तरह का ईटिंग डिसऑर्डर कह सकते हैं। लेकिन ये कुछ दूसरी तरह का होता है जिसमें व्यक्ति हर वक्त खाता नहीं रहता बल्कि खाना अवॉयड करता रहता है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

By Priyanka SinghEdited By: Updated: Thu, 09 Dec 2021 07:22 AM (IST)
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केक लेकर खड़ा पुरुष और मना करती हुई महिला
एनोरेक्सिया नर्वोसा जिसे आप एक तरह का ईटिंग डिसऑर्डर कह सकते हैं। लेकिन ये कुछ दूसरी तरह का होता है जिसमें व्यक्ति हर वक्त खाता नहीं रहता बल्कि खाना अवॉयड करता रहता है। कम खाने के बाद भी उसे हर वक्त वजन बढ़ने का डर सताता रहता है। इस समस्या से पीड़ित लोग प्लेट में खाना ले तो लेते हैं लेकिन उसे सही तरह से खाते नहीं। जब खाना अच्छी तरह से खाएंगे नहीं तो कमजोरी, चिड़चिड़ापन आना स्वाभाविक है। तो आज हम इसी के बारे में जानने वाले हैं।

कम या ना खाने के चलते बॉडी में कई जरूरी न्यूट्रिशन की कमी होती जाती है जिससे एक के बाद एक कई तरह के हेल्थ इश्यू होने लगते हैं। महिलाओं के लिए ये स्थिति ज्यादा गंभीर हो सकती है। एनीमिया और किशोर महिलाएं एनोरेक्सिया का शिकार हो सकती हैं। स्किन डल होने लगती है, बाल झड़ने लगते हैं, डाइजेशन बिगड़ जाता है और भी कई प्रॉब्लम्स शुरु हो जाती हैं। 

एनोरेक्सिया नर्वोसा के लक्षण

- वजन एकदम से गिरना

- थकान और बेचैनी

- नींद न आना

- धब्बेदार स्किन

- बाल का टूटना-गिरना

- कब्ज

- हाथ-पैरों में सूजन

- ड्राय स्किन

- ब्लड प्रेशर में गिरावट

- न खाने के बाद भी पेट फूले रहना

- पीरियड्स नियमित न होना 

- अत्यधिक व्यायाम करना

- चिड़चिड़ापन

- लोगों से दूरी 

- हर वक्त उदास रहना

- खाने का दिल न करना

- खुद को मोटा महसूस करते रहना 

- दोस्तों और सामाजिक संपर्क से हटना

- अवसाद के लक्षण दिखाई देना

बचाव के उपाय

इस समस्या से महिला पीड़ित हो या पुरुष, उसे बचाने के लिए ये बताना जरूरी है भोजन शरीर के लिए कितना जरूरी है। मोटापा, वजन तब बढ़ता है जब हम ठूंस-ठूंस कर और हर वक्त खाते रहते हैं। सही मात्रा में और सही समय पर खाने वालों के साथ ही ये सारी दिक्कतें आती हैं। जंक फूड, फ्राइड फूड ऐसी चीज़ों से दूर रहें। फ्रूट और वेजिटेबल्स किसी भी तरह से हानिकारक नहीं।

Pic credit- freepik