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मानसून में आपकी सेहत का मिजाज बिगाड़ सकते हैं ये Animal Based Foods, आज ही बनाएं इनसे दूरी

बरसात का मौसम आते ही खाने की क्रेविंग्स काफी बढ़ जाती है। इस दौरान कुछ न कुछ चटपटा खाने का मन करता है। ऐसे में लोग अक्सर कुछ न कुछ खाने का ऑप्शन तलाशते रहते हैं। हालांकि इन दौरान कुछ फूड आइटम्स को खाने से परहेज करना चाहिए वरना यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। मानसून में कुछ तरह के Animal Based Foods से दूरी बनाना चाहिए।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Wed, 03 Jul 2024 01:45 PM (IST)
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मानसून में बनाएं इन फूड्स से दूरी (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। चिलचिलाती धूप और गर्मी से राहत दिलाने वाले बरसात का मौसम आ चुका है। मानसून का महीना कई लोगों का पसंदीदा महीना होता है। इस सीजन में भले ही मौसम सुहाना होता है, लेकिन साथ ही इस दौरान विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है। रिमझिम बरसात के साथ ही अक्सर कुछ खाने की क्रेविंग्स भी बढ़ जाती है। ऐसे में लोग इस मौसम में कई चीजें खाना पसंद करते हैं। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस मौसम में हेल्दी रहने के लिए खानपान का ध्यान रखना जरूरी है।

इस मौसम में मीट और एनिमल बेस्ड फूड्स से परहेज करना सबसे अच्छा होता है, लेकिन अब आप सोच रहे होंगे कि हम ऐसा क्यों रह कह रहे हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे फूड्स के बारे में जिनसे आपको मानसून में दूरी बनानी चाहिए और साथ ही बताएंगे दूरी बनाने कारण-

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अंडे

अंडों में साल्मोनेला बैक्टीरिया से कंटेमिनेशन का खतरा बहुत ज्यादा होता है, जो ज्यादातर ह्यूमिडिटी वाले मौसम में पनपते हैं। ऐसे में मानसून के दौरान अंडे अगर ठीक से स्टोर न किए जाएं तो जल्दी खराब हो सकते हैं। साल्मोनेला इन्फेक्शन के खतरे को कम करने के लिए कच्चे या अधपके अंडे और कच्चे अंडे वाले व्यंजन जैसे मेयोनेज और कुछ मिठाइयां खाने से बचें।

रेड मीट

मानसून के दौरान रेड मीट, जैसे लैम्ब, मटन, बीफ और पोर्क आदि खाने से बचना चाहिए या सावधानी रखनी चाहिए। इस मौसम के दौरान ह्यूमिडिटी बैक्टीरिया के विकास के लिए एक सही वातावरण देती है। ऐसे में रेड मीट को गलत तरीके से संभालने, स्टोर करने या पकाने से साल्मोनेला, ई. कोली और लिस्टेरिया जैसी फूड बॉर्न बीमारियां हो सकती हैं।

सी-फूड

मानसून के दौरान सी-फूड, खास तौर शेलफिश जैसे झींगा, केकड़े और ओएस्टर आदि से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि शेलफिश फिल्टर फीडर हैं और प्रदूषित पानी से बैक्टीरिया और टॉक्सिन्स को जमा करते हैं, जो बरसात के मौसम में ज्यादा आम होते हैं। ऐसे में दूषित सी-फूड खाने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों सहित विभिन्न संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

प्रोसेस्ड मीट

मानसून के दौरान कोल्ड कट और प्रोसेस्ड मीट, जैसे सॉसेज, सलामी और हैम का कम से कम सेवन करना चाहिए। इन प्रोडक्ट्स में अक्सर प्रीजर्वेटिव्स और एडिटिव्स होते हैं, जो पाचन समस्याओं को बढ़ा सकते हैं, खासकर ह्यूमिड मौसम में इसका खतरा बढ़ जाता है।

डेयरी प्रोडक्ट्स

बरसात के लिए मौसम में डेयरी प्रोडक्ट्स से भी परहेज करना चाहिए। इस दौरान दूध, पनीर और दही जैसे प्रोडक्ट्स बैक्टीरिया और पैथोजन की वृद्धि के कारण जल्दी खराब हो सकते हैं, अगर उन्हें सही तापमान पर स्टोर न किया जाए। दूषित डेयरी प्रोडक्ट गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इन्फेक्शन और फूज पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं।

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