अच्छे पाचन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है रात में सही खाना, इसलिए भूलकर भी डिनर शामिल न करें ये फूड्स
हम जो भी खाते हैं उसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। इसलिए रात के समय अपने खानपान का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। रात में अच्छे खाने की वजह से भी नींद पूरी होती है और पेट भी साफ होता है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि रात में क्या खाए और क्या नहीं। आइए जानते हैं डिनर में किन फूड्स से करें परहेज।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारे खानपान सीधे तौर पर हमारी सेहत को प्रभावित करता है। हम जो भी खाते हैं, जिस समय खाते हैं, उसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स भी सही समय पर सही फूड्स खाने की सलाह देते हैं। आमतौर पर ब्रेकफास्ट हेवी और डिनर लाइट करने की सलाह दी जाती है, लेकिन किस समय क्या खाना है और कितना खाना है इसकी सही जानकारी बेहद कम लोगों को है। खासकर रात के समय क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इसकी अधूरी जानकारी की वजह से आधी से अधिक आबादी पेट की समस्या से पीड़ित है और अन्य अनिद्रा से परेशान हैं।
अगर नींद पूरी हो और पेट साफ हो, तो हजारों बीमारियां दूर भागती हैं, लेकिन इन्हीं दोनों बातों को बिगड़ने में बहुत हद तक रात का डिनर जिम्मेदार है। डिनर में हम क्या खाते हैं, ये बहुत ही मायने रखता है। उसके ऊपर ही हमारी सर्केडियन साइकिल और गट फ्लोरा निर्भर करता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे फूड्स के बारे में, जिनसे आपको रात के समय दूरी बनाना चाहिए।यह भी पढ़ें- सर्दियों में इस सस्ते Dry Fruit को बनाएं अपना बेस्ट फ्रेंड, आसपास भी नहीं फटकेगी थकान और कमजोरी
कैफीन
कैफीन युक्त चाय या कॉफी सर्केडियन साइकिल को पूरी तरह डिस्टर्ब करती है, वेक विंडो बढ़ा देती है और अलर्ट मोड ऑन कर देती है। इसलिए सोने के 8 घंटे पहले तक कैफीन का सेवन कतई न करें।
चॉकलेट/डेजर्ट
अक्सर खाने के बाद मीठा खाने के चक्कर में लोग डेजर्ट या चॉकलेट खा लेते हैं। ये तेज़ी से शुगर स्पाइक करता है और एक्स्ट्रा एनर्जी प्रोड्यूस करता है जो रात में सोते समय किसी काम की नहीं होती है। इसलिए ये फैट के रूप में स्टोर हो जाती है जिससे वेट गेन होता है।स्टार्च रिच फूड्स
बहुत अधिक मात्रा में स्टार्च या कार्ब का सेवन करने से भी शुगर और इन्सुलिन स्पाइक होता है क्योंकि कार्ब्स मेटाबोलाइज हो कर शुगर में कन्वर्ट होते हैं जो कि एनर्जी के लिए बर्न होता है और अंत में वेट गेन के लिए जिम्मेदार होता है।