Move to Jagran APP

ब्रेकफास्ट के बाद इसलिए हो जाता है Blood Sugar Spike, इससे बचने के लिए इन 5 बातों का रखें ध्यान

Diabetes के मरीजों को अपने खानपान का खास ख्याल रखना पड़ता है क्योंकि यह एक लाइलाज बीमारी है जो दवाओं और सही डाइट से कंट्रोल की जाती है। हालांकि कई बार हेल्दी खाना खाने के बाद भी ब्रेकफास्ट खाने के बाद भी शुगर स्पाइक हो जाता है। यह संकेत है कि आप डायबिटीक हैं या फिर हाई कार्ब ब्रेकफास्ट लिया गया है। ऐसे में इन टिप्स का ध्यान।

By Jagran News Edited By: Harshita Saxena Updated: Sun, 16 Jun 2024 06:30 AM (IST)
Hero Image
ब्रेकफास्ट के बाद शुगर स्पाइक से ऐसे बचें (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सुबह का ब्रेकफास्ट स्वस्थ रहने के लिए बेहद जरूरी है। सुबह का नाश्ता हमें पूरे दिन के लिए एनर्जी देता है, इसलिए पोषक तत्वों से भरपूर ब्रेकफास्ट जरूरी होता है। हालांकि, सुबह हड़बड़ी में अक्सर लोग ब्रेड जैम, कॉर्नफ्लेक्स दूध या मात्र दूध ही ब्रेकफास्ट में लेते हैं जो कि गलत है, क्योंकि यह सेहत के लिए सही नहीं होता है। वहीं, कुछ लोगों का हेल्दी ब्रेकफास्ट खाने के बाद भी शुगर स्पाइक हो जाता है। दरअसल, ब्रेकफास्ट खाने के बाद शरीर में ग्लूकोज का लेवल बढ़ता है।

लेकिन अगर ये तुरंत तेजी से बढ़ता है और बहुत धीमी गति से नीचे आता है, तो इसका मतलब ये है आपको डायबिटीज है। सो कर उठने पर फास्टिंग शुगर 100mg/dl होना चाहिए, लेकिन अगर आप डायबिटीक हैं या फिर हाई कार्ब ब्रेकफास्ट लिया गया है, तो यह शुगर स्पाइक तेजी से बढ़ जाता है। ऐसा हार्मोनल असंतुलन, शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण भी हो सकता है। आइए ब्रेकफास्ट के बाद होने वाले शुगर स्पाइक से कैसे बचें-

यह भी पढ़ें-  बेहतर पाचन से लेकर दिल को हेल्दी बनाने तक, कच्चा प्याज खाने से सेहत को मिलते हैं ढेरों फायदे

रिफाइंड कार्ब्स से बचें

रिफाइंड कार्ब्स का सेवन ब्रेकफास्ट में कम करें। हमारा शरीर कार्बोहाइड्रेट को शुगर में तोड़ कर पाचन के लिए तैयार करता है, जिससे कार्ब्स वाले ब्रेकफास्ट के बाद शरीर में शुगर स्पाइक हो जाता है।

प्रोटीन और फाइबर शामिल करें

प्रोटीन और फाइबर युक्त ब्रेकफास्ट खाएं। फाइबर कार्ब्स और शुगर के अब्सोर्पशन की प्रक्रिया को धीमा करता है। ये देर तक पेट भरा होने का एहसास दिलाता है, जिससे ओवरइटिंग नहीं होती है। प्रोटीन सुबह-सुबह शरीर को सक्रिय कर के दिन भर काम करने की एनर्जी देता है।

लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स खाएं

नाश्ते में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स खाएं। हरी सब्जियां, कच्ची गाजर, फल, राजमा, दाल, साबुत अनाज जैसे लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स शरीर में जा कर धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे शुगर स्पाइक बहुत ही कम होता है। वहीं, हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स जैसे ब्रेड, पास्ता, चावल और आलू शुगर स्पाइक तेजी से करते हैं, इसलिए इन्हें खाने से परहेज करें।

खाने के तुरंत बाद न लेटें

खाने के बाद आलस महसूस होना स्वाभाविक है, लेकिन खाते ही लेट जाने से मांसपेशियां ब्लड में मौजूद एक्स्ट्रा ग्लूकोज को बर्न नहीं करती है, जिससे तेजी से शुगर स्पाइक होता है। इसलिए खाने के बाद दो से 5 मिनट वॉक जरूर करें।

सीमित मात्रा में खाएं

एक साथ एक बार में ही भर कर खा लेने से शुगर स्पाइक तेजी से हो सकता है। इसलिए सीमित मात्रा में थोड़ा-थोड़ा खाएं। भले ही कुछ देर में दोबारा खा लें, लेकिन मात्रा सीमित रखें। इससे ब्लड शुगर संतुलित रहता है और ओवरइटिंग के कारण अचानक से होने वाले स्पाइक से बचा जा सकता है।

यह भी पढ़ें-  Fried Rice Syndrome से गई 20 वर्षीय युवक की जान, जानें क्या है इसके लक्षण और बचाव के तरीके