Bacterial Infections: बैक्टीरियल संक्रमण है 'दुनियाभर में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण'!
Bacterial Infections द लांसेट में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि 2019 में 77 लाख मौतें 33 जीवाणु रोगजनकों और 11 प्रकार के संक्रमण से संबंधित थीं। इस स्टडी से यह भी पता चला कि अमीर देशों की तुलना गरीब देशों में मौतों का आंकड़ा काफी बढ़ जाता है।
By Jagran NewsEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Tue, 22 Nov 2022 11:34 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Bacterial Infections: विश्वभर में बैक्टीरियल संक्रमण मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण बने हुए हैं। बैक्टीरिया संक्रमण कितने ख़तरनाक हो सकते हैं, इस पर पहली बार ग्लोबल स्तर पर हुई स्टडी से पता चला कि साल 2019 में हुई सभी मौतों में से हर 8 में से एक मृत्यु की वजह यही थे। बड़े पैमाने पर हुआ यह नया अध्ययन, दी लांसेट जर्नल पर पब्लिश हुआ। इस अध्ययन में 204 देशों और क्षेत्रों में 33 सामान्य जीवाणु रोगजनकों और 11 प्रकार के संक्रमणों से होने वाली मौतों को देखा गया।
कोरोना वायरस महामारी शुरू होने से एक साल पहले, 2019 में रोगजनक 7.7 मिलियन मौतों से जुड़े थे, जो वैश्विक कुल मौतों का 13.6% है। इसका मतलब बैक्टीरियल संक्रमण, इस्केमिक दिल की बीमारी, जिसमें दिल का दौरा शामिल है, के बाद मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है।
5 बैक्टीरिया बने मौत की वजह
बैक्टीरिया 33 किस्म के हैं, जिनमें से 5 उन मौतों के लिए ज़िम्मेदार रहे, जिनमें Staphylococcus aureus, Escherichia coli, Streptococcus pneumoniae, Klebsiella pneumoniae और Pseudomonas aeruginosa शामिल है।एस.ऑरियस एक जीवाणु है, जो मानव त्वचा और नाक में आमतौर पर पाया जाता है, और कई बीमारियों के पीछे का कारण भी है, जबकि ई.कोलाई आमतौर पर फूड पॉइज़निंग की वजह बनता है।
मृत्यु दर देश और क्षेत्र के अनुसार अलग है
इस शोध से यह भी पता चलता है कि बीमारियों के मामले में गरीब और अमीर देशों के बीच कितना अंतर है। सब-सहारन अफ्रीका श्रेत्र में, जीवाणु संक्रमण से प्रति 100,000 जनसंख्या पर 230 मौतें हुईं। वहीं, अमीर देशों में प्रति 100,000 जनसंख्या पर 52 मौतों हुई, यानी आंकड़ा काफी हद तक नीचे रहा। इन देशों में पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।कुछ बैक्टीरिया बच्चों तो कुछ वयस्कों को कर रहे हैं बीमार
- 15 साल से ज़्यादा की उम्र के वयस्कों में 9 लाख 40 हज़ार मौतें एस.ऑरियस (Staphylococcus aureus) के कारण हुई।
- 5 से 14 साल की उम्र के बच्चों में सालमोनेला एंटेरिका सेरोवर टाइफी (Salmonella enterica serovar Typhi) से करीब 50 हज़ार मौते हुईं।
- 5 साल से कम उम्र के बच्चे में निमोनिया (Streptococcus pneumoniae) के कारण 2 लाख 25 हज़ार मौते हुईं।
- नवजात शिशुओं में निमोनिया (Klebsiella pneumoniae) से करीब एक लाख 24 हज़ार मौते हुईं।
स्वास्थ्य से जुड़ी नई चिंता बन रहा है बैक्टीरिया
अध्ययन के सह-लेखक और अमेरिका के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन के निदेशक, क्रिस्टोफर मरे, का कहना है कि इस नए डाटा से पहली बार बैक्टीरियल संक्रमण के ख़तरों के बारे में विस्तार से पता चला है, खासतौर पर गरीब देशों के लिए। इन आंकड़ों और संक्रमण के मामलों को कम करने के लिए ज़्यादा अध्ययन की ज़रूरत है। साथ ही किसी भी तरह के इन्फेक्शन से बचने के लिए हाथों को दिन में कई बार ज़रूर धोएं। विशेष तौर, पर खाना खाने से पहले, टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद और बाहर से घर आने के बाद। स्वच्छता बनाए रखना सबसे ज़रूरी है।