शरीर में नजर आएं ये लक्षण तो हो जाएं सावधान, नहीं तो भुगतना पड़ जाएगा नुकसान
लाइफस्टाइल में बदलाव का खामियाजा हमारी सेहत को चुकाना पड़ सकता है। बिगड़ती खान-पान की शैली और रहन-सहन के कारण (Health Tips) लोगों को तरह-तरह की बीमारियां हो रही हैं। इन बीमारियों में एंडोक्राइन से जुड़ी समस्याएं भी शामिल हैं। इसकी वजह से एक नहीं बल्कि परेशानियां हो सकती हैं। आइए जानें एंडोक्राइन से जुड़ी समस्याओं के लक्षण और इनसे कैसे बचाव किया जा सकता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Health Tips: हमारी लाइफस्टाइल में इतने बदलाव हो चुके हैं कि बीमारियां आसानी से हमें अपनी चपेट में ले रही हैं। इनमें कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जिनके लक्षण साफतौर से समझ भी नहीं आते, लेकिन सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन्हीं बीमारियों में एंडोक्राइन से जुड़ी समस्याएं भी शामिल हैं। इनके लक्षण काफी अजीब होते हैं, लेकिन फिर भी लोग इन पर आमतौर पर ध्यान नहीं देते, जिसकी वजह से आगे चलकर परेशानी बढ़ जाती है। यहां हम आपको एंडोक्राइन से जुड़ी परेशानियों के बारे में बताने वाले हैं कि उनके लक्षण क्या हैं। इससे आप इन परेशानियों को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे।
एंडोक्राइन सिस्टम क्या है?
एंडोक्राइन सिस्टम शरीर की अलग-अलग ग्रंथियों का एक समूह है, जो हार्मोन का उत्पादन करते हैं। ये हार्मोन शरीर के अलग-अलग अंगों और प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। जब इन ग्रंथियों में कोई समस्या होती है, तो हार्मोन का उत्पादन असंतुलित हो जाता है और इसके कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।यह भी पढ़ें: 8 फल जो शरीर में कभी भी नहीं होने देंगे विटामिन-बी6 की कमी, आज से शुरू कर दें खाना
अजीब लक्षणों पर ध्यान दें
- तेज दिल की धड़कन- अक्सर तेज दिल की धड़कन को दिल से जुड़ी समस्या से जोड़ा जाता है, लेकिन यह ओवरएक्टिव थायरॉइड का भी संकेत हो सकता है।
- खुजली और प्यास- शरीर के किसी भी हिस्से में अचानक होने वाली खुजली और प्यास बढ़ना डायबिटीज का संकेत हो सकता है, जो पैंक्रिया ग्लैंड में गड़बड़ी की वजह से होता है।
- अचानक वजन बदलना- बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन में अचानक बढ़ोतरी या कमी होना भी एंडोक्राइन विकार का संकेत हो सकता है।
- नींद में परेशानी- नींद न आना या बहुत ज्यादा नींद आना भी एंडोक्राइन समस्या का संकेत हो सकता है।
- दृष्टि में बदलाव: धुंधला दिखना या कम दिखाई देना पिट्यूटरी ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
- हड्डियों का कमजोर होना- हल्की सी चोट लगने पर या छींकने भर से हड्डियों का टूटना मेटाबोलिक बोन डिजीज का संकेत हो सकता है।
- दांतों के बीच गैप बढ़ना- दांतों के बीच का गैप बढ़ना एक्रोमेगाली का संकेत हो सकता है। यह पिट्यूटरी ग्लैंड में ग्रोथ हार्मोन के ज्यादा बढ़ने की वजह से होता है।
कब डॉक्टर को दिखाएं?
यदि आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। एंडोक्राइनोलॉजिस्ट इन समस्याओं का निदान और इलाज करने में विशेषज्ञ होते हैं। उनकी मदद से आप इन परेशानियों से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं।
इन बातों का भी रखें ध्यान
- स्वस्थ जीवनशैली- हेल्दी डाइट, नियमित एक्सरसाइज और तनाव मुक्त जीवनशैली अपनाने से एंडोक्राइन विकारों के जोखिम को कम किया जा सकता है।
- नियमित हेल्थ चेकअप- नियमित स्वास्थ्य जांच करवाने से कई बीमारियों का समय रहते पता लगाया जा सकता है।
- जागरुकता बढ़ाएं- एंडोक्राइन विकारों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए लोगों को इस बारे में जानकार बनाना बहुत जरूरी है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।