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Depression का नेचुरल इलाज है Nature, जानें कैसे तन और मन के लिए फायदेमंद है हरियाली

तेजी से बदलती लाइफस्टाइल की वजह से इन दिनों लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर पड़ने लगा है। Depression आजकल एक गंभीर समस्या बन चुकी है। हमारे आसपास कई लोग इससे प्रभावित हैं। ऐसे में दवाओं के साथ-साथ Nature भी इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है। जानते हैं शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हरियाली के फायदे।

By Jagran News Edited By: Harshita Saxena Updated: Thu, 13 Jun 2024 08:11 AM (IST)
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फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए गुणकारी है नेचर (Picture Credit- Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आजकल डिप्रेशन (Depression) तेजी बढ़ती एक गंभीर समस्या बन चुकी है। बदलती लाइफस्टाइल, काम का प्रेशर और अन्य कई वजहों से इन दिनों लोग डिप्रेशन का शिकार होते जा रहे हैं। यह एक मानसिक समस्या है, जिसके इलाज में लोग एंटी डिप्रेसेंट खाते हैं, कई तरह के सेडेटिव भी लेते हैं, जिससे सुकून की नींद आए और फिर भी पूरी तरह डिप्रेशन से निजात नहीं पाते हैं।

दवाओं के अलावा नेचर भी डिप्रेशन की समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। अगर आप डिप्रेशन का शिकार है, तो ऐसे लोगों को कुछ समय पेड़-पौधे, ग्रीनरी और नेचर के बीच बिताना चाहिए। ऐसा करने के ढेरों फायदे होते हैं। आइए जानते हैं कि कैसे ग्रीनरी कम करती है डिप्रेशन का खतरा-

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ऐसे डिप्रेशन दूर करती है प्रकृति

  • साइंस ने भी नेचर और मेंटल हेल्थ के लिंक को मना है,जिसके आधार पर वे नेचर से जुड़ी हुई ऐसी गतिविधियों पर फोकस करते हैं, जिससे डिप्रेशन दूर हो। इसे ग्रीन या ब्लू प्रिस्क्रिप्शन भी कहते हैं।
  • यूएस, जापान, कनाडा जैसे कई देशों ने इस लिंक को समझ कर फॉरेस्ट बाथिंग, नेशनल नेचर प्रिस्क्रिप्शन प्रोग्राम जैसी चीजें शुरू की हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग नेचर से जुड़ सकें।
  • एक शोध के अनुसार नेचर और ग्रीनरी में समय बिताने से हमारी शारीरिक और मानसिक दोनों ही प्रकार के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पाया गया है। ऐसे लोगों को कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां, एंजाग्यटी, डिप्रेशन जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है।
  • ग्रीनरी में समय व्यतीत करने से अकेलापन महसूस नहीं होता ,जिससे मानसिक स्वास्थ्य मजबूत होता है और नेचर में मौजूद जीवाणुओं के बीच समय बिताने से शारीरिक रूप से हमारी इम्यूनिटी भी मजबूत होती है।
  • मिट्टी को भी एंटी-डिप्रेसेंट माना जाता है। इसकी सौंधी खुशबू एक न्यूरोट्रांसमीटर को सक्रिय करती है और सेरोटोनिन रिलीज करती है, जिससे खुशी का एहसास होता है।
  • एक शोध के अनुसार जिन लोगों के घर के सौ मीटर के आसपास पेड़ पौधे और हरियाली होती है, उन लोगों को एंटी-डिप्रेसेंट दवाइयां खाने की संभावना आम लोगों की तुलना में कई गुना कम होती है।
  • किसी भी प्रकार की हरियाली को 2 मिनट तक ध्यान से देखने से आंखों को सुकून मिलता है और दिमाग रिफ्रेश होता है, जिससे डिप्रेशन दूर होता है।
  • 2012 में हुए एक शोध के अनुसार नेचर के बीच समय बिताने से क्रिएटिविटी और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल 50% तक बढ़ जाती है।

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