Cardiac Arrest Vs Heart Attack: हार्ट अटैक से काफी अलग है कार्डियक अरेस्ट, जानें दोनों में अंतर और इनके लक्षण
बीते दिन रविवार को बंगाली अभिनेत्री एंड्रिला शर्मा का कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। एक्ट्रेस ने 24 साल की उम्र में हावड़ा के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक दोनों ही काफी जानलेवा है। जानते हैं दोनों में क्या अंतर है।
By Harshita SaxenaEdited By: Updated: Mon, 21 Nov 2022 04:16 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। हाल ही में बंगाली फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर अभिनेत्री एंड्रिला शर्मा का कार्डियक अरेस्ट की वजह से निधन हो गया। जानकारी के मुताबिक अभिनेत्री ने 24 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। एक्ट्रेस की मौत के बाद से ही जहां मनोरंजन जगत में शोक की लहर है तो वहीं एक बार फिर कम उम्र में दिल की बीमारी के चलते हो रहीं मौतों के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है। वहीं, कार्डियक अरेस्ट और दिल के दौरे को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। तो आइए जानते हैं दोनों में अंतर और इनके लक्षणों के बारे में-
दिल की बीमारियों से होने वाली ज्यादातर मौतें कार्डियक अरेस्ट और दिल का दौरा पड़ने से होती हैं। लेकिन बहुत कम लोग भी इन दोनों के अंतर के बारे में जानते हैं। अधिकतर लोगों को दोनों बीमारियों में कोई अंतर समझ नहीं आता है और वह इसे एक ही समझ लेते हैं। लेकिन दिल से जुड़ी ये दोनों समस्याएं एक-दूसरे से काफी अलग हैं। दिल का दौरा पड़ने पर कुछ मामलों में मरीजों की जान बचाई जा सकती है, लेकिन कार्डियक अरेस्ट में इलाज में हुई देरी की वजह से तुरंत जान भी सकती है।
क्या है कार्डियक अरेस्ट
कार्डियक अरेस्ट एक खतरनाक स्थिति होती है। किसी भी व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट आने पर उसका हृदय काम करना बंद कर देता है। इसकी वजह से हार्ट शरीर में खून पंप करना बंद कर देता है, जिसका असर पूरे शरीर पर देखने को मिलता है। कार्डियक अरेस्ट दिल के दौरे से इसी मामले में अलग है। कार्डियक अरेस्ट के विपरीत दिल का दौरा पड़ने पर हृदय धड़कता रहता है, भले ही हृदय की मांसपेशी को खून न मिल रहा हो।कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
- सीने में दर्द
- चक्कर आना
- सांस लेने में कठिनाई
- हार्ट रेट तेज होना
- बेहोशी
- उल्टी होना
- पेट और सीने में साथ में दर्द होना
क्या है दिल का दौरा
किसी भी व्यक्ति को दिल का दौरा तब पड़ता है जब हृदय तक खून पहुंचाने वाली रक्त वाहिकाओं (कोरोनरी धमनियों) में रुकावट पैदा हो जाती है। दरअसल, हार्ट एक मांसपेशी है, इसलिए इसे अपना काम अच्छे से करने के लिए ऑक्सीजन को साथ खून की जरूरत पड़ती है। ऐसे में जब किसी को हार्ट अटैक आता है तो मांसपेशी तक खून नहीं पहुंच पाता है। हालांकि, हार्ट अटैक आने पर हर मरीज की तुरंत मौत नहीं होती है। कई बार माइनर हार्ट अटैक भी आता है, जिसके लक्षण पहचान कर समय से इलाज करवा लिया जाए तो मौत का खतरा कम हो जाता है।हार्ट अटैक के लक्षण
- सीने में जकड़न, जलन, दबाव और अत्यधिक दर्द
- शरीर के कुछ हिस्सों में दर्द
- थकान
- नींद की दिक्कत
- खट्टी डकार
- चिंता
- दिल की धड़कन तेज होना
- हाथ में कमजोरी
- सोच या याददाश्त में बदलाव
- हाथ पैर में झुनझुनी
- रात में सांस लेने में कठिनाई