Monsoon Yoga: मानसून में इन योगासनों से बढ़ाएं अपनी इम्युनिटी, बीमारियां रहेंगी कोसों दूर
Monsoon Yoga मानसून में हर तरफ हरियाली छा जाती है लेकिन इस मौसम में कई गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। बारिश के दिनों में पीलिया टाइफाइड डायरिया आदि बीमारियां ज्यादा फैलती हैं। ऐसे में आपको अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करने की जरूरत है। इसके अलावा योग के जरिए भी आप खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। तो आइए जानें इन योगासनों को कैसे करें।
By Jagran NewsEdited By: Saloni UpadhyayUpdated: Sun, 30 Jul 2023 08:56 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Monsoon Yoga: बारिश के मौसम में बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ जाता है। सूरज की रोशनी कम होने के कारण बैक्टीरिया ज्यादा पनपते हैं, जिस कारण लोग जल्दी बीमार पड़ते हैं। इम्युनिटी कमजोर होने के कारण समस्याएं अधिक बढ़ सकती हैं। बारिश के मौसम में पेट से जुड़ी समस्याएं भी खूब होती है। पीलिया, टाइफाइड, डायरिया के सबसे अधिक मामले देखने को मिलते हैं। मानसून में बारिश की वजह से लोग घर से बाहर नहीं निकल पाते, इसलिए फिजिकल एक्टविटी भी कम हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि घर पर ही योग करके अपने आप पर स्वस्थ रख सकते हैं। आज हम आपको कुछ योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आप आसानी से घर पर कर सकते हैं।
हलासना
सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों को शरीर से सटा लें। हथेलियां जमीन की तरफ रखें। सांस अंदर खींचते हुए पैरों को ऊपर उठाएं। अब पैर को 90 डिग्री पर ले जाएं। पैरों को ऊपर उठाकर रखें और हाथों से कमर को सहारा दें। अब पैरों को सिर की तरफ झुकाते हुए पीछे ले जाएं। अब हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा रख लें। इस पोज में आप एक मिनट तक रहकर इसे छोड़ सकते हैं।
पश्चिमोत्नासन
सबसे पहले योगा मैट पर बैठ जाएं और पैर सीधे रख लें। अब गहरी सांस लेते हुऐ हाथ ऊपर की ओर करें और कमर सीधी रखें। इसी पोज में सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकना शुरू करें और रीढ़ की हड्डी को मुड़ने न दें। जब आगे और न झुक पाए तो धीरे-धीरे रीढ़ की हड्डी में मोड़ते हुए अपने हाथों से पैरों के अंगूठे पकड़ लें। सीधा रखें और दोनों पैरों के तलवों को पकड़ लें। इसी पोज में 20-30 सेकंड रहकर छोड़ सकते हैं।धनुरासन
सबसे पहले योगा मैट पर पेट को नीचे की ओर रखते हुए लेट जाएं। हाथों को बगल में रखें, हथेलियां खुली हुई होनी चाहिए। अब पैरों को थोड़ा फैला लें। गहरी सांस लें और दोनों पैरों को एक साथ उठाएं, घुटनों को मोड़ें और दोनों हाथों से टखनों को पकड़ें। सीधे सामने देखते हुए धीरे-धीरे चेहरे और शरीर को ऊपर उठाएं। इस पोज में 20-30 सेकंड तक बने रहें और शांति से सांस लें। सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे इस पोज को छोड़ दें।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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